लोहरदगा : महिला कॉलेज की छात्राओं ने स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का शहादत दिवस अलग अंदाज में मनाया. कार्यक्रम में प्रिंसिपल प्रो स्नेह कुमार ने कहा कि देश की सुरक्षा और मजबूती के लिए सरकार और सेना के साथ आम जनता को भी निष्ठा और हिम्मत के साथ खड़ा होना होगा.
27 फरवरी 1931 को अंग्रेजों के साथ लड़ते हुए चंद्रशेखर आजाद ने अपनी आखिरी गोली से खुद को खत्म कर वीरगति प्राप्त की थी. आज के दौर के युवाओं को इनके जीवन और आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए.
14 साल की उम्र में देश के लिए सोचने और स्वाधीनता आंदोलन में कूदनेवाले चंद्रशेखर 24 साल की उम्र में शहीद भी हो गये. हर युवा को राष्ट्रीयता और जिम्मेदारी भाव से लबरेज होने की जरूरत है. इस दौरान छात्राओं के बीच परिचर्चा का आयोजन किया गया.
इसका विषय था- देश के मौजूदा हालात में सरकार, सेना और आम नागरिकों की भूमिका. छात्राओं ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े कदम और इसके बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध के जैसे हालात पर खुलकर अपने विचार रखे. सुदीपा कुमारी ने कहा कि राजनीतिक दलों और देश के आम आम के बीच चट्टानी एकता की जरूरत है. अनुप्रिया ने कहा कि हमारी सेना ने जैसे को तैसा की तर्ज पर जवाब देकर देशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. जरूरत है कि हर नागरिक देश और सरकार के साथ खड़ा हो.
अंजलि चौधरी ने कहा कि राष्ट्र प्रथम का भाव सबके मन में होना चाहिए. धर्म, जाति और विचारधारा में बंटने-बांटने का यह समय नहीं है. सोनाली अग्रवाल ने कहा कि भारतीय सेना की कार्रवाई से शहीदों की माताओं को सुकून मिला होगा. देश की हर मां अब अपने बेटे को सेना में भेजने से जरा भी नहीं हिचकेगी.
निक्की साहू ने कहा कि समझौता और धैर्य का वक्त खत्म हो गया, ईंट का जवाब पत्थर से देने से ही देश सुरक्षित रहेगा. लक्ष्मी कुमारी ने कहा कि देश के नेता और बुद्धिजीवियों का प्रयास होना चाहिए कि आम आवाम में वैचारिक एकता मजबूत करें. धर्म-जाति की बातें बंद हो, सिर्फ देश की बात हो. प्रियंका साहू ने कहा कि ऐसे चुनौतीपूर्ण दौर में सोशल मीडिया पर लगाम होनी चाहिए.
आम जनता को सजग और संवेदनशील होना होगा. ताकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कैसी बातें शेयर की जाये, ताकि राष्ट्रहित को नुकसान न हो. मौके पर कॉलेज के अध्यापक ब्रजकिशोर बड़ाईक, राज किशोर प्रसाद, अवध किशोर मिश्रा, रुना कुमारी, विजय कुमार, मधुबाला अग्रवाल, मंजू खत्री, गीता प्रसाद, फरजाना खातून आदि मौजूद थे.