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स्वास्थ्य उप केंद्रों और झोला छाप डाॅक्टरों के भरोसे लोग

लोहरदगा : कैरो प्रखंड बने नौ साल हो चुके है. इसके बावजूद प्रखंड के लोगों को स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही है. प्रखंड के लोग चिकित्सा के नाम पर स्वास्थ्य उपकेंद्रों या झोला छाप डाॅक्टरों के भरोसे है. स्वास्थ्य उपकेंद्र में भी स्वीकृत पद के अनुरूप न तो डॉक्टर पदस्थापित है और न […]

लोहरदगा : कैरो प्रखंड बने नौ साल हो चुके है. इसके बावजूद प्रखंड के लोगों को स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही है. प्रखंड के लोग चिकित्सा के नाम पर स्वास्थ्य उपकेंद्रों या झोला छाप डाॅक्टरों के भरोसे है. स्वास्थ्य उपकेंद्र में भी स्वीकृत पद के अनुरूप न तो डॉक्टर पदस्थापित है और न ही अन्य कर्मी. इससे स्वास्थ्य उप केंद्र का संचालन सही तरीके से नहीं हो पाता है. इसका खामियाजा प्रखंड के आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.

छोटी-छोटी व मौसमी बीमारियों में भी लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है. सामान्य परिवार के लोग छोटी-छोटी बीमारियों में अपना इलाज लोहरदगा व रांची जाकर कराते है, लेकिन गरीब तबके के लोगों को झोला छाप डाॅक्टरों के भरोसे रहना पड़ता है. कैरो में संचालित स्वास्थ्य उप केंद्र में रोजाना लगभग 100 मरीज पहुंचते है. लेकिन स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में उन्हें बाहर का रास्ता अख्तियार करना पड़ता है.

डॉक्टर का पद दो, कार्यरत एक: कैरो स्वास्थ्य उप केंद्र में डॉक्टर का स्वीकृत पद दो है, जिसमें एक डाॅक्टर कार्यरत हैं. तीन एएनएम के स्थान पर एक एएनएम कार्यरत है. स्वास्थ्य केंद्र संचालन के लिए आउटसोर्सिंग के तहत दो एएनएम व एक सुरक्षाकर्मी की बहाली की गयी है. कैरो स्वास्थ्य उपकेंद्र के अंतर्गत पड़नेवाली विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों में टीकाकरण काम किया जाता है. पदस्थापित डॉ राकेश कुमार द्वारा व्यवस्था बना कर टीकाकरण व स्वास्थ्य उप केंद्र का संचालन सही तरीके से किया जा रहा है, लेकिन यह अपर्याप्त है. स्वास्थ्य केंद्र में लैब टेक्निशियन नहीं है, जिससे मरीजों का खून व यूरीन टेस्ट नहीं हो पाता है.
मेंटेनेंस के अभाव में नहीं रखा गया है एंबुलेंस: कैरो स्वास्थ्य उप केंद्र को तत्कालीन विधायक कमल किशोर भगत द्वारा मरीजों की सुविधा के लिए एंबुलेंस मुहैया करायी गयी थी, लेकिन रख-रखाव व कर्मियों की कमी से एंबुलेंस कुडू में रखा गया है. कुछ दिन पूर्व एंबुलेंस कैरो में भी रखा गया था, लेकिन रखने की असुविधा व ड्राइवर के अभाव में एंबुलेंस बेकार साबित होने लगा. इसके बाद एंबुलेंस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुडू को सौंप दिया गया है. एंबुलेंस नहीं रहने के संबंध में डॉ राकेश कुमार ने बताया कि यहां मेंटेनेंस के अभाव में एंबुलेंस नहीं रखा गया है. एंबुलेंस कुडू में है और जैसे मरीजों को गाड़ी की आवश्यकता होती है, एंबुलेंस मंगा लिया जाता है.
अब तक नहीं बना अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र
प्रखंड बनने के बाद कैरो प्रखंड मुख्यालय में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण एक करोड़, 11 लाख रुपये की लागत से शुरू किया गया था. इसका निर्माण अभी तक पूरा नहीं हुआ है. ग्रामीणों की मांग पर तत्कालीन सिविल सर्जन एमएम सेनगुप्ता द्वारा अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य पूरा करा कर स्वास्थ्य सुविधा बहाल करने का प्रयास किया गया था, लेकिन उनके तबादले के बाद योजना धरी की धरी रह गयी. लोगों को अब तक स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर सिर्फ स्वास्थ्य केंद्र मिला है. सरकारी योजना पर बंदरबांट के बाद भी योजना अधूरी रह गयी है. अब तो अधूरे बिल्डिंग से भी खिड़की दरवाजे गायब होने लगे है. भवन जर्जर अवस्था में पहुंच गया है.

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