प्रत्येक माह उनके वेतन से कमरों का किराया काटा जाता है. बावजूद इसके कोई मुख्यालय में रहना नहीं चाहता है. बताया जाता है कि प्रखंड में एक दो पदों को रिक्त छोड़ सभी पदों पर कर्मी कार्यरत हैं. इनमें बीडीओ, प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड नाजिर, जनसेवक, पंचायत सचिव से लेकर सहायक, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी कार्यरत हैं. इस प्रकार अंचल कार्यालय में सीओ से लेकर सहायक, राजस्व कर्मचारी आदि काम कर रहे हैं. बाल विकास परियोजना कार्यालय में सीडीपीओ, प्रवेक्षिका, शिक्षा विभाग में कर्मी कार्यरत है. कर्मियों, अधिकारियों के रहने के लिए एक साल पहले तीन करोड़ रुपये की लागत से तीन भवन बनाया गया. उनके यहां नहीं रहने से भवन खंडहर में तब्दील हो रहा है. बताया जाता है भवन के विद्युत आपूर्ति के लिए वायर क्षतिग्रस्त है.
पेयजल के लिए पूरी व्यवस्था नहीं हो पायी है. बोरिंग से पानी सभी भवन में नहीं पहुंच पाता है. वर्तमान में भवन में बाल विकास परियोजना में कार्यरत दो प्रवेक्षिका रहती है. अन्य सभी कमरे खाली हैं. कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि आवास में कोई सुविधा नहीं है.
सुरक्षा का प्रबंध नहीं है. ऐसे में मुख्यालय में रहना काफी मुश्किल है. कुड़ू बीडीओ संतोष कुमार ने बताया कि कार्यरत सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को कमरा आवंटित कर दिया गया है. मुख्यालय में बने रहने के आदेश के बावजूद कर्मचारी यहां नहीं रहना चाहते हैं.