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नदी की धारा खेत तक पहुंचायी
सुनील कुमार लातेहार : जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर नरेशगढ़ गांव स्थित है. यह जलछाजन क्षेत्र घोषित है, फिर भी सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. इसी गांव के जागोडीह टोला के किसान हैं राफेल भेंगरा. 67 बसंत पार कर चुके राफेल धुन के पक्के हैं. मेहनती भी हैं. कोने नदी की धारा […]
सुनील कुमार
लातेहार : जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर दूर नरेशगढ़ गांव स्थित है. यह जलछाजन क्षेत्र घोषित है, फिर भी सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. इसी गांव के जागोडीह टोला के किसान हैं राफेल भेंगरा. 67 बसंत पार कर चुके राफेल धुन के पक्के हैं.
मेहनती भी हैं. कोने नदी की धारा को लगभग सात सौ मीटर तक बालू में ही करहा बना कर खेतों तक ले गये हैं. खेतों को पानी मिलने से उनकी जिंदगी संवर गयी है. राफेल कहते हैं कि सरकारी सुविधा के इंतजार में उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका था. बरसात के पानी से सिर्फ धान की खेती हो पाती थी.
इस खेती से परिवार चलाना मुश्किल था. उन्होंने मेहनत कर कोने नदी को बांध कर यह नायाब तरीका निकाला. राफेल बताते हैं कि रोज इतना पानी जमा हो जाता है कि खेतों में पानी की कमी नहीं होती. सब्जी की खेती कर राफेल प्रतिदिन चार-पांच सौ रुपये कमा लेते हैं. इसी कमाई से उनका छह सदस्यीय परिवार चल रहा है. बेटे को कॉलेज में पढ़ा रहे हैं.
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