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भ्रमण, पिकनिक व मस्ती में बीता दिन
बेतला : नववर्ष में पलामू प्रमंडल के पर्यटन स्थलों पर न सिर्फ प्रमंडल के लोगों बल्कि राज्य के दूसरे जिलों व अन्य प्रांतों से भी लोग पहुंचे. आलम यह है कि बेतला के सभी होटल व विश्रामागार हाउसफुल चल रहे हैं. तीन जनवरी तक विश्रामागार व होटल फुल हैं. इसमें ठहरने वाले अधिकतर लोग पश्चिम […]
बेतला : नववर्ष में पलामू प्रमंडल के पर्यटन स्थलों पर न सिर्फ प्रमंडल के लोगों बल्कि राज्य के दूसरे जिलों व अन्य प्रांतों से भी लोग पहुंचे. आलम यह है कि बेतला के सभी होटल व विश्रामागार हाउसफुल चल रहे हैं. तीन जनवरी तक विश्रामागार व होटल फुल हैं. इसमें ठहरने वाले अधिकतर लोग पश्चिम बंगाल के हैं.
वहीं पिकनिक स्पॉटों पर भी लोगों की भीड़ उमड़ी. लोगों ने केचकी संगम में पिकनिक का लुत्फ उठाया. साथ ही उस प्वाइंट को भी देखा, जहां कभी दिलीप कुमार व शायराबानो फिल्म की शूटिंग कर चुके हैं.
यह स्थल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा. पहली जनवरी को बेतला, पलामू किला, केचकी संगम, कमलदह झील के अलावे ततहा झरना, लोधफॉल, सुगाबांध सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की भीड़ उमड़ी. सैलानियों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे.
डीआइजी ने किया भ्रमण, सुरक्षा का जायजा लिया : पलामू प्रक्षेत्र के डीआइजी साकेत कुमार सिंह भी बेतला गये.
सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने बरवाडीह थाना प्रभारी धनंजय प्रसाद को निर्देश दिया कि सैलानियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें. डीआइजी ने कहा कि पर्यटन स्थल पर जाने में किसी को कोई परेशानी न हो, इसे सुनिश्चित किया जा रहा है. ताकि सैलानी पर्यटन स्थलों पर जाकर बेखौफ भ्रमण कर सके. उन्होंने स्वयं सपरिवार बेतला पार्क का भ्रमण किया. वहीं केचकी में वनभोज का आनंद लिया.
अब तक पहुंचे 20 हजार से अधिक सैलानी : बेतला में होटल से जुड़े लोगों की मानें तो पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार सैलानियों की संख्या बढ़ी है. बदलाव यह देखने को मिल रहा है कि जो स्थानीय लोग होते थे, वह घंटे-दो घंटे रुकने के बाद वापस चले जाते थे. लेकिन अब वह भी बेतला में रहकर रात गुजारना चाह रहे हैं.
यह एक बड़ा बदलाव है. आंकड़े बता रहे हैं कि पलामू प्रमंडल के पर्यटन स्थलों को देखने के प्रति लोगों की जिज्ञासा बढ़ी है. आंकड़ों के मुताबिक 2015 में 20 हजार से अधिक सैलानी बेतला व उसके आसपास के पर्यटनस्थलों पर पहुंच चुके हैं. इस बार वन विभाग द्वारा भी मेदिनीनगर से बेतला आने के लिए सप्ताह के प्रत्येक रविवार को स्पेशल वाहन सुविधा दी गयी है. इससे भी लोग आ रहे हैं. साथ ही शैक्षणिक भ्रमण में स्कूल व कोचिंग सेंटर के बच्चे भी बेतला व आसपास के इलाके में आ रहे हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो इससे रोजगार भी बढ़ा है. उनका कहना है कि अब लगने लगा है कि बेतला के अच्छे दिन आनेवाले हैं.
जानवर नहीं दिखने पर निराश दिखे सैलानी : यद्यपि बेतला जानेवाले कुछ सैलानी ऐसे भी मिले, जो निराश थे. उनका कहना था कि वे बच्चों के साथ आये थे, जंगल में जानवर देखने. लेकिन आज अपेक्षित जानवर नजर नहीं आये. वहीं जानकारों का कहना था कि ऐसी कोई बात नहीं है. चूंकि पहली जनवरी के कारण काफी वाहन आ गये थे. इस कारण भी जंगलों में जानवर कम दिखे. चूंकि जंगल खुला है. इसलिए वाहनों के शोर से जानवर छिप जा रहे हैं. सैलानियों को निराश होने की जरूरत नहीं है, वह सामान्य दिनों में भी आकर जानवरों को देख सकते हैं.
पिकनिक स्पॉटों पर रही धूम : औरंगा व कोयल नदी के केचकी संगम, कमलदह झील सहित आसपास के जलाशयों में लोग मित्रों व संबंधियों के साथ पिकनिक मनाते देखे गये. जगह-जगह पर लोग गीतों की धुन पर थिरकते दिखे. इसके अलावा अमानत नदी, कोयल नदी सहित अन्य पिकनिक स्पॉटों पर भी लोगों की भीड़ उमड़ी.
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