हेरहंज(लातेहार) : नक्सली संगठन भाकपा माओवादी व प्रतिद्वंद्वी संगठन टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के वर्चस्व की लड़ाई में प्रखंड के सेरेनदाग गांव में दहशत व्याप्त है. सेरेनदाग बाजार में निर्मित का. भगवती सिंह के स्मारक को पुलिस की मौजूदगी में तोड़ा गया.
इसके बाद माओवादियों ने ग्रामीणों को धमकी दी कि इसका पुन: निर्माण कराओ, नहीं तो गांव छोड़ कर जाओ. इसके बाद ग्रामीणों ने एकजुट होकर स्मारक निर्माण शुरू किया. अब टीएसपीसी के दस्ते ने फरमान जारी किया कि स्मारक के साथ-साथ ध्वस्त स्कूल भवन का भी ग्रामीणों को पुनर्निर्माण कराना होगा. ग्रामीण अब असमंसज में फंस गये हैं. किसका आदेश मानें, किसका नहीं मानें. उधर, पुलिस गांव पहुंचती है तो ग्रामीणों पर ही गुस्सा उतारती है. ग्रामीणों की मानें, तो वे फुटबॉल बन कर गये हैं.
जो आता है एक किक मार कर चल देता है. ग्रामीणों में बिहारी प्रसाद, रामजी साव, शमीम अली, विकास सिंह, नीरज यादव, रंजीत कुमार, विशुनदेव यादव, लगन ठाकुर, रामावतार यादव ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें. माओवादी, टीएसपीसी व पुलिस के त्रिकोणीय वर्चस्व की लड़ाई में ग्रामीण फंस कर रह गये हैं. ग्रामीणों ने कहा है कि वे किसी संगठन के समर्थक या विरोधी नहीं हैं. उन्हें उनके हाल पर छोड़ दें.
दहशत के माहौल में ग्रामीण गांव छोड़ने का मन बना चुके हैं. सुर्खियों में है सेरेनदाग अगस्त-सितंबर 2015 में माओवादी व टीएसपीसी के दस्ते द्वारा एक-दूसरे का समर्थक बता कर ग्रामीणों की पिटाई की गयी. माओवादियों ने सेरेनदाग बाजार बंद कराते हुए तीन घरों में ताला जड़ दिया. प्रतिद्वंद्वी संगठन टीएसपीसी का दस्ता गांव पहुंचा अौर बाजार को चालू कराया. घरों में बंद ताला तोड़ कर परिजनों को प्रवेश कराया. इसके बाद से दोनों संगठनों के बीच वर्चस्व की लड़ाई तेज हो गयी है. उधर, सेरेनदाग बाजार में शहीद माओवादी का. भगवती सिंह का स्मारक पुलिस की मौजूदगी में तोड़ा गया. ग्रामीणों पर जब माओवादियों ने दबाव बनाया, तो पुन: स्मारक निर्माण शुरू हुआ.
टीएसपीसी ने स्मारक निर्माण रुकवाया. कहा कि पहले स्कूल बनाओ, तब स्मारक बनाओ. दोनों संगठन के बीच ग्रामीण पिस रहे हैं. उधर ग्रामीणों ने पुलिस पर मारपीट व गाली गलौज का आरोप लगाया है. पुलिस ने एक सिरे से आरोप को खारिज कर दिया. सेरेनदाग की स्थिति पर पैनी नजर : थानेदार सेरेनदाग गांव में वर्चस्व की लड़ाई पर थानेदार योगेंद्र पासवान ने कहा कि पुलिस की पैनी नजर है.
ग्रामीण शांति चाहते हैं, वे किसी संगठन के साथ नहीं हैं. संगठन के लोग ग्रामीणों को अपने साथ खड़ा करने के प्रयास में है. उन्होंने कहा कि संगठन की जमीनी पकड़ समाप्त हो गयी है. आम जनता के साथ पुलिस खड़ी है. अन्याय नहीं होने दिया जायेगा.