प्रतिनिधि, डोमचांच प्रखंड के ढाब थाना क्षेत्र के गोरियाडीह जंगल में ग्रीन पत्थर के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए गुरुवार को छापामारी की गयी. वन विभाग व पुलिस की संयुक्त छापामारी में अवैध खनन स्थल से हथियार के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि यहां से कंप्रेशर मशीन, ट्रैक्टर, बाइक आदि भी बरामद किया गया़ गिरफ्तार आरोपियों में वसंत मांझी पिता नन्कु मांझी निवासी कुज थाना रोह नवादा बिहार व सुदामा कुमार पिता भुनेश्वर मिस्त्री निवासी भागाडीह खुट्टा सतगांवा शामिल हैं. इनके पास से दो देसी बंदूक, 15 राउंड जिंदा कारतूस, छह खोखा बरामद किया गया है. पुलिस के अनुसार सूचना मिली थी कि ढाब थाना अंतर्गत गोरियाडीह जंगल में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अवैध खनन किया जा रहा है. सूचना पर वन प्रक्षेत्र पदाधिकारी डोमचांच रविंद्र कुमार, ढाब थाना प्रभारी रवि प्रकाश पंडित के नेतृत्व में टीम ने छापामारी की़ इस दौरान गोरियाडीह जंगल से एक ट्रैक्टर, कंप्रेशर मशीन व एक मोटरसाइकिल को जब्त किया गया. टीम को देखकर वहां मौजूद दो लोग भागने लगे, जिन्हें दौड़ाकर पकड़ा गया. कुख्यात अपराधी करवा रहा है अवैध खनन बताया जाता है कि टीम जब गोरियाडीह जंगल पहुंची तो पाया कि वहां वृहद पैमाने पर अवैध उत्खनन चल रहा है़ टीम को देख अवैध खनन में लगे लोग भागने लगे़ वहीं दो लोगों को पकड़ा गया. इधर, सूत्रों की माने तो गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि गोरियाडीह में अवैध उत्खनन कार्य करवाने का मास्टर माइंड कुख्यात अपराधी अरविंद रावत नामक व्यक्ति है़ गिरफ्तार दोनों आरोपियों के अलावा पुलिस उसके खिलाफ भी मामला दर्ज करने की तैयारी में है. अरविंद रावत मूल रूप से गिरिडीह का रहने वाला है. फिलहाल वह कोडरमा थाना क्षेत्र अंतर्गत इंदरवा में रहकर अवैध उत्खनन करवाने का कार्य कर रहा है. 30 मार्च को पुलिस टीम पर यहीं हुआ था हमला बता दें कि गोरियाडीह जंगल में लंबे समय से ग्रीन पत्थर का अवैध उत्खनन हो रहा है़ गत 30 मार्च को अवैध उत्खनन के खिलाफ ढाब थाना प्रभारी रवि पंडित के नेतृत्व में टीम छापामारी करने गयी थी़. इस दौरान लोगों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया था़ हमले में थाना प्रभारी व अन्य घायल हो गये थे, जबकि पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया था़ घटना को लेकर पुलिस ने केस दर्ज कर अब तक इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है़ जेल भेजे गये आरोपियों में से एक कपिल तुरी की गत दिन मंडल कारा में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी़ पुलिस इस मामले में अन्य आरोपियों के तलाश में है. शुरुआत में संरक्षण देने का लगता रहा है आरोप पुलिस व वन विभाग की टीम अब भले ही ग्रीन पत्थर के अवैध खनन को रोकने के लिए छापामारी कर रही है, पर शुरुआत में इस कार्य को संरक्षण देने का आरोप भी इसी दोनों विभाग पर लगता रहा है़ इस वर्ष के शुरुआत से पहले इलाके में कीमती पत्थर के अवैध खनन का मामला पहली बार प्रभात खबर ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, पर उस समय पुलिस प्रशासन के साथ ही वन विभाग के अधिकारियों ने इससे इंकार किया था़ हालांकि, मार्च में जब पुलिस टीम पर हमला हुआ तो मामले में कार्रवाई शुरू हुई. यही नहीं इस मामले में सबसे हैरानीजगक बात यह भी है कि अवैध खनन का कार्य कभी संगठित गिरोह करता है तो कभी कुछ स्थानीय लोग़ इस वजह से वर्चस्व की जंग भी देखने को मिलता है.
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