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थाना प्रभारी ने पकड़ा हाइवा, डीएमओ ने कहा, छोड़ दें
तिलैया में बिना चालान के पकड़े गये थे पत्थर लदे हाइवा, अन्य मामलों में दर्ज होती रही है प्राथमिकी सभी नियमों का पालन नहीं कर मात्र जुर्माना राशि ले खनन पदाधिकारी ने जारी किया पत्र, उठे सवाल कोडरमा : जिले में अवैध खनन को रोकने के लिए खनन टास्क फोर्स तो गठित है, पर टास्क […]
तिलैया में बिना चालान के पकड़े गये थे पत्थर लदे हाइवा, अन्य मामलों में दर्ज होती रही है प्राथमिकी
सभी नियमों का पालन नहीं कर मात्र जुर्माना राशि ले खनन पदाधिकारी ने जारी किया पत्र, उठे सवाल
कोडरमा : जिले में अवैध खनन को रोकने के लिए खनन टास्क फोर्स तो गठित है, पर टास्क फोर्स में शामिल पदाधिकारियों के बीच ही आपसी सामंजस्य की कमी दिख रही है.
एक तरफ जहां लगातार अवैध खनन पर शिकंजा कसने के दावे किये जाते हैं, वहीं दूसरी ओर इस अवैध कार्य को रोकने की सबसे अधिक जिम्मेवारी जिस खनन विभाग की है, उसकी कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न लगा है. मामला बिना चालान के पकड़े गये दो हाइवा ट्रक से जुड़ा है. तिलैया थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर ने जिन दो हाइवा को बिना चालान का पत्थर ले जाते बीते दिन पकड़ा था, उसे छोड़ देने का आदेश सहायक खनन पदाधिकारी ने जारी किया है.
जारी पत्र में इन दोनों वाहन मालिकों से जुर्माना राशि जमा लिये जाने की बात कही गयी है. डीएमओ के इस पत्र के बाद इसलिए भी सवाल उठ रहे है कि इससे पहले बिना चालान के जब्त अधिकतर वाहन के मामलों में माइनिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया जाता रहा है.
यहीं नहीं कई मामलों में तो वन अधिनियम की धारा भी लगा कर केस दर्ज किये जाते रहे है. इस नये मामले में अर्थदंड लेकर वाहन छोड़ देने की बात कहे जाने पर सवाल उठे हैं. डीएमओ की इस बात पर तिलैया थाना प्रभारी ने आपत्ति दर्ज करते हुए गाड़ी छोड़ने से संबंधित स्पष्ट प्रतिवेदन देने का अनुरोध किया है. जानकारी के अनुसार बीते चार मई को तिलैया थाना प्रभारी कामेश्वर ठाकुर ने जांच अभियान के दौरान दो हाइवा ट्रक (नंबर जेएच-12जी-889) व (जेएच-05ए-4628) को बिना चालान पत्थर ले जाते पकड़ा था.
वाहन को जब्त कर चंदवारा थाना में रख कर पूरे मामले की लिखित जानकारी खनन पदाधिकारी को दी गयी थी. साथ ही माइनिंग संबंधी जांच करते हुए आगे की कार्रवाई का अनुरोध किया गया था. इस मामले में खनन पदाधिकारी राजेश लकड़ा द्वारा नौ मई को एक पत्र सीधे थाना प्रभारी को लिखा गया, जिसमें कहा गया है की वाहन मालिक ने नियमानुसार खनिज मूल्य की दोगुना राशि दंड स्वरूप व स्वामित्व की राशि बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से उनके कार्यालय में जमा कर दिया गया है. नियमानुसार बंध पत्र भी दाखिल किया गया है.
ऐसे में वाहन मालिक की सही पहचान कर ट्रक को पत्थर खनिज सहित विमुक्त किया जाये. जानकार बताते है कि कार्रवाई के दौरान बिना चालान के पकड़े गये वाहनों पर जुर्माना राशि लिए जाने का प्रावधान तो है, पर इस तरह नहीं जिस तरह इन दोनों हाइवा के मामले में किया गया है. इससे पूर्व भी मरकच्चो, नवलशाही, डोमचांच व चंदवारा थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में खनन टास्क फोर्स द्वारा जब्त किये गये वाहन हो या फिर पुलिस द्वारा अधिकतर मामलों में खनन विभाग द्वारा थाना में लिखित शिकायत कर प्राथमिकी दर्ज करायी जाती रही है. हालांकि, खनन पदाधिकारी ने इसमें कुछ गलत नहीं बताया है.
वाहन थाना परिसर में, कैसे लग गया जुर्माना
तिलैया थाना प्रभारी ने वाहन छोड़े जाने संबंधी पत्र आने के बाद इसकी जांच जिला परिवहन कार्यालय के द्वारा नहीं होने की जानकारी देते हुए खनन पदाधिकारी को पत्र लिखा है.
इसके अलावा उन्होंने एसडीओ सह प्रभारी डीटीओ को अलग से एक पत्र लिखते हुए कहा है कि जब्त वाहनों के संबंध में कई जांच नहीं किये गये है. क्या बिना आपकी अनुमति के वाहन छोड़े जा सकते हैं. इसके अलावा एक पत्र वन विभाग को लिखते हुए खनिज पत्थर का उत्खनन वन क्षेत्र में होने की जानकारी देते हुए प्रतिवेदन देने का अनुरोध किया गया है की खनिज वन क्षेत्र का है या नहीं. साथ ही वन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है या नहीं. ज्ञात हो कि जब्त वाहन चंदवारा थाना परिसर में लगे हैं. पुलिस के अनुसार इन वाहनों के संबंध में कोई जांच वाहन के समक्ष आकर या फिर इस पर लदे खनिज का भार करा कर नहीं किया गया है.
जुर्माना लेने का है प्रावधान : डीएमओ
जिले के सहायक खनन पदाधिकारी राजेश लकड़ा ने इस संबंध में पूछे जाने पर बताया कि माइनिंग एक्ट के नये प्रावधान के तहत जुर्माना राशि लेकर इस तरह की कार्रवाई का अधिकार है. कुछ मामलों में एफआइआर करायी जाती है. दोनों हाइवा के मामले में नियम संगत कार्रवाई कर पत्र जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि वाहन से संबंधित जांच परिवहन कार्यालय द्वारा भी करायी गयी है. इस पर ओवरलोड को लेकर शायद अलग से जुर्माना लगाया गया है.
थाना प्रभारी ने पूछा, क्या आपके द्वारा ऐसा आदेश निर्गत किया जा सकता है
थाना प्रभारी ने डीएमओ को लिखे पत्र में लिखा है कि वाहन मालिकों द्वारा केवल खनिज मूल्य की दोगुनी राशि दंड स्वरूप जमा की गयी है. डीटीओ कार्यालय से वाहन संबंधी जांच कागजात प्रस्तुत नहीं किये गये है. सूचना मिली है कि किसी थाना को केवल खनिज संबंध आपके कार्यालय से मुक्त करने संबंधी आदेश प्राप्त हुआ था. क्या आपके कार्यालय से खनिज लदा पत्थर समेत वाहन को मुक्त करने संबंधी आदेश निर्गत किया जा सकता है. स्पष्ट प्रतिवेदन दें की, क्या दोनों वाहनों को भी मुक्त करना है.
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