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सार्वजनिक करें जांच रिपोर्ट : पंसस
जयनगर : करियावां के विस्थापित ग्रामीणों की बैठक सोमवार को गांव के देवी मंदिर प्रांगण में कालेश्वर सिंह की अध्यक्षता मे हुई. संचालन मो मुफ्ती अंसारी ने किया. बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि डीवीसी प्रबंधन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की अनदेखी कर एसपौंड निर्माण मामले में मौखिक आदेश का हवाला देकर ग्रामीणों को […]
जयनगर : करियावां के विस्थापित ग्रामीणों की बैठक सोमवार को गांव के देवी मंदिर प्रांगण में कालेश्वर सिंह की अध्यक्षता मे हुई. संचालन मो मुफ्ती अंसारी ने किया. बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि डीवीसी प्रबंधन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की अनदेखी कर एसपौंड निर्माण मामले में मौखिक आदेश का हवाला देकर ग्रामीणों को डराने व धमकाने का प्रयास न करें. ग्रामीणों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों को पालन करते हुए प्लांट को चलाने की मांग की, ताकि जनजीवन पर इसका प्रभाव न पड़े.
ग्रामीणों ने कहा कि जांच के दौरान बोर्ड के सदस्यों ने कहा था कि करियावां में एसपौंड का निर्माण संभव नहीं है. इसके बावजूद यहां एसपौंड बनाने का कोई औचित्य नहीं है. 200 मीटर दूर बने या 500 मीटर स्थिति वहीं रहेगी. इसलिए गांव को हटाकर एसपौंड का निर्माण कराया जाये. पंसस कपिल बढ़ई ने कहा कि बोर्ड की जांच रिपोर्ट को ग्रामीणों के बीच सार्वजनिक किया जाये. मौके पर पोखराज राणा, खलील अंसारी, बैजनाथ राणा, रूप नारायण शर्मा, सुलेमान अंसारी, विक्की राणा, ईश्वर यादव, बिहारी यादव, जलील अंसारी, मुरली सिंह, पिंटू सिंह, कमरूद्वीन, राजेश सिंह, बबलू, सनोज, अभय सिंह, सकलदेव यादव, बद्री राणा, लक्ष्मण यादव, राजदेव सिंह, अनिल, धानेश्वर, सविता देवी, गीता देवी, रजिया सुलतान, मुनिया खातून, अजमेरी खातून, अनिता देवी, सुमा देवी, ममता देवी, कुसुम देवी, मंजु देवी, कुंती देवी, कोमल देवी, निशा प्रवीण मौजूद थे.
क्या है मामला : करियावां के ग्रामीणों ने गत दिन एसपौंड निर्माण का विरोध करते हुए काम बंद करा जिला समाहरणालय में भूख हडताल पर बैठ गये थे. बाद में वार्ता के दौरान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से स्थल निरीक्षण कराने पर सहमति बनी. बोर्ड की टीम ने निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी गयी और जिला प्रशासन ने डीवीसी प्रबंधन को उक्त रिपोर्ट सौंपी. इसके बाद प्रबंधन ने फैसला लिया है कि करियावां में अधिगृहित 527 एकड़ जमीन में से 300 एकड़ जमीन में एसपौंड बनाया जायेगा, वह भी गांव से हट कर. ऐसे में गांव से एसपौंड की दूरी 200 मीटर से अधिक होगी. प्रबंधन ने कहा है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभी नियमों को पूरा करते हुए एसपौंड बनाया जायेगा. इस जानकारी के बाद ग्रामीणों ने फिर से बैठक की.
नुकसान के लिए प्रबंधन जिम्मेवार : महादेव
डीवीसी प्रबंधन पर से विस्थापितों का विश्वास समाप्त हो गया है. प्रबंधन ने विस्थापितों को सिर्फ छलने का काम किया है. आज वह अपने घाटा का रोना रो रहा है, मगर इसके लिए वह स्वयं जिम्मेवार है. उक्त बातें भाकपा जिला मंत्री सह जिप सदस्य महादेव राम ने कही. उन्होंने कहा कि डीपीआर के मुताबिक 300 एकड़ में एसपौंड बनना है. मगर भूमि अधिग्रहण 527 एकड़ हुआ है.
कहा कि प्लांट की धूल से कंद्रपडीह, खेडोबर, डहुआटोल, गांधी नगर, करियावां, कोसमाडीह, घंघरी के ग्रामीण प्रभावित है. प्रबंधन ने प्रतिमाह एक हजार रुपये देने के लिए 7500 विस्थापित की सूची बनायी है, जिन्हें प्रतिमाह एक हजार रुपये तीस साल तक देना है. मगर तीन साल में मात्र 200 लोगों के बीच इस राशि का वितरण हुआ है.
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