कोडरमा : कोडरमा थर्मल पावर प्लांट (केटीपीपी) में पिछले 11 दिनों से उत्पादन ठप है. जरूरत से ज्यादा राजनीतिक हस्तक्षेप ने प्लांट के काम को पीछे तो धकेला ही, अब कोयले की कमी ने इसकी रफ्तार रोक दी है. इधर, मेंटेनेंस कंपनियों के मजदूरों की हड़ताल के कारण भी काम बंद है.
ऐसे में प्लांट के चिमनी से धुआं भी निकलना बंद हो गया है. काम बंद रहने से डीवीसी को करोड़ों का नुकसान हो रहा है. अगर यही हाल रहा तो समस्या और बढ़ सकती है. डीवीसी के मुख्य अभियंता केएन सिंह की मानें तो कोयले की कमी सबसे बड़ी बाधक है.कोयला नहीं रहने के कारण प्लांट में पिछले चार दिसंबर से उत्पादन ठप है. पर जो कुछ कार्य हो रहा था, उसे मेंटेनेंस कंपनियों के मजदूरों ने रुकवा दिया. मजदूर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं.
मजदूर किसी भी डीवीसी कर्मी को प्लांट के अंदर नहीं जाने दे रहे हैं. पिछले दिनों इसी बात को लेकर सुरक्षा में लगे सीआइएसएफ के जवानों से मजदूरों की हल्की झड़प भी हुई थी. प्रभात खबर की टीम ने शनिवार को देखा कि प्लांट परिसर के बाहर से लेकर अंदर तक पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है.
प्लांट की मेंटेनेंस कंपनियों में कार्यरत करीब 230 मजदूर पिछले नौ दिसंबर से हड़ताल पर हैं.