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झारखंड : बड़े खदानों तक नहीं जा सकी एनजीटी टीम, भटकाते रहे अधिकारी, गूगल मैप का लिया सहारा
कोडरमा : जिले में पत्थर के अवैध व अनियंत्रित खनन की जांच को लेकर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की ओर से गठित जांच टीम दूसरे दिन भी कोडरमा में रही. टीम का नेतृत्व कर रही सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पश्चिम बंगाल की क्षेत्रीय निदेशक डाॅ रीता साहा व अन्य गुरुवार सुबह जिले के विभिन्न इलाकों […]
कोडरमा : जिले में पत्थर के अवैध व अनियंत्रित खनन की जांच को लेकर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की ओर से गठित जांच टीम दूसरे दिन भी कोडरमा में रही. टीम का नेतृत्व कर रही सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड पश्चिम बंगाल की क्षेत्रीय निदेशक डाॅ रीता साहा व अन्य गुरुवार सुबह जिले के विभिन्न इलाकों में हो रहे खनन का दृश्य देखने के लिए तो निकले, पर टीम खास जगहों पर नहीं पहुंच सकी.
कुछ जगहों पर टीम ने पत्थर खदान व क्रशरों को देखा, तो यहां की स्थिति व तस्वीर देख फिर हैरानी जतायी. खनन की स्थिति देख जांच टीम ने साथ चल रहे जिले के पदाधिकारियों को एक बार फिर फटकार लगायी. साथ ही खदानों को लीज व क्रशरों को संचालन का लाइसेंस देने पर सवाल उठाये. हालांकि, टीम के दो दिवसीय दौरे के दौरान सबसे बड़ा सवाल यहां के जिला प्रशासन की भूमिका पर उठा है.
जानकारी सामने आयी है कि जांच करने पहुंची एनजीटी टीम के पहले दिन के एक्शन को देखते हुए दूसरे दिन जिले के पदाधिकारी बैकफुट पर आ गये. जांच टीम को खनन स्थल के साथ ही अन्य जगहों पर पहुंचने में काफी परेशानी हुई. यही नहीं अधिकतर जगहों पर तो टीम पहुंच नहीं सकी. बड़े पत्थर खदानों तक नहीं पहुंचाये जाने पर टीम के अधिकारियों ने गूगल मैप का सहारा लिया, तब जाकर नवलशाही थाना क्षेत्र के खरखार के पास संचालित एक पत्थर खदान पर टीम पहुंची. यहां खनन की स्थिति देख कड़ी नाराजगी जतायी. टीम का नेतृत्व कर रही रीता साहा ने एडीएमओ से पूछा की इस तरह के खदान को लीज कैसे दिया गया है.
इस पर एडीएमओ ने नियमानुसार काम होने की बात कही. इस पर टीम के सदस्यों ने खनन पट्टा के अनुसार बेंचिंग, फेंसिंग व अन्य नियमों का पालन नहीं होने, ज्यादा गहराई होने की बात कही. मौके पर बोर्ड एनलाइसिस राघवेंद्र नारायण कश्यप, प्रो सतीश सिन्हा के अलावा पर्यावरण मंत्रालय वन व जलवायु परिवर्तन, झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ माइंस धनबाद के वरिष्ठ वैज्ञानिक के अलावा एसडीओ प्रभात कु. बरदियार, एडीएमओ राजा राम प्रसाद, एसडीपीओ अनिल शंकर, रेंजर प्रमोद कुमार, एसीएफ बीबी सिन्हा आदि मौजूद थे.
सिरसिरवा जंगल नहीं जा सकी टीम : एनजीटी की टीम जिले के सबसे चर्चित अवैध खनन स्थल सिरसिरवा जंगल नहीं पहुंच सकी. बताया जाता है कि टीम सर्किट हाउस से सबसे पहले वन्य प्राणी आश्रयणी के सिरसिरवा जाने के लिए ही निकली, पर एक सीमा क्षेत्र तक जाने के बाद ट्रेंच दिखाई देने पर स्थानीय पदाधिकारियों ने यहां से पैदल जाने की बात बतायी.
टीम को बताया गया कि करीब दस किलोमीटर पैदल चलना होगा. इसकी जानकारी पर टीम के सदस्य आगे नहीं बढ़े. सिरसिरवा में लंबे समय से दर्जन भर खदानों में पत्थर का अवैध खनन होता रहा है. उपायुक्त की अध्यक्षता में एनजीटी की टीम के साथ गुरुवार को बैठक हुई. इसमें डॉ रीता साहा ने खनन कार्य में नियमों की अनदेखी पर आपत्ति जतायी.
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