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अंकुश: डीसी-एसपी के नेतृत्व में की गयी कार्रवाई, भनक लगते ही फरार हुए खनन माफिया, सिरसिरवा में छापामारी, पांच शक्तिमान जब्त

कोडरमा: जिले के वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र में वर्षों से चल रहे पत्थर के अवैध उत्खनन पर शनिवार को प्रशासनिक शिकंजा कसा. डीसी संजीव कुमार बेसरा व पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा के नेतृत्व में पहली बार सिरसिरवा जंगल में बड़े स्तर की छापामारी की गयी. इस दौरान अवैध खनन कार्य स्थल से बोल्डर लदे […]

कोडरमा: जिले के वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र में वर्षों से चल रहे पत्थर के अवैध उत्खनन पर शनिवार को प्रशासनिक शिकंजा कसा. डीसी संजीव कुमार बेसरा व पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा के नेतृत्व में पहली बार सिरसिरवा जंगल में बड़े स्तर की छापामारी की गयी. इस दौरान अवैध खनन कार्य स्थल से बोल्डर लदे पांच शक्तिमान को जब्त किया गया, जबकि छापामारी की भनक लगते ही खनन माफिया फरार हो गये. सिरसिरवा में अवैध खनन को लेकर देर शाम एक मामला डोमचांच थाना में दर्ज किया गया है. जब्त वाहनों को डोमचांच थाना में रखा गया है.

जानकारी के अनुसार कोडरमा-डोमचांच रोड से कुछ किलोमीटर की दूरी पर नीरू पहाड़ी के पास स्थित सिरसिरवा जंगल में लंबे समय से पत्थर का अवैध खनन किये जाने की बात सामने आती रही है. इस क्षेत्र में अपराधियों व सफेदपोश लोगों के गठजोड़ से अवैध खनन का कार्य धड़ल्ले से किया जाता रहा है. पूर्व में एक-दो बार छोटे स्तर पर इस जगह कार्रवाई का प्रयास किया गया, तो लोगों ने प्रशासनिक टीम का खासा विरोध किया था. हाल के दिनों में अवैध खनन का कार्य एक बार जोरों पर चल रहा था. इस बात की जानकारी मिलने पर शनिवार दोपहर को डीसी-एसपी के नेतृत्व में एक टीम सिरसिरवा को रवाना हुई. पूरी तरह गोपनीय रख कर टीम ने जंगल में छापामारी की. बावजूद इसके खनन माफिया टीम के पहुंचने से पहले भागने में सफल रहे. घने जंगलों से घिरे सिरसिरवा में टीम ने पाया कि यहां कई एकड़ क्षेत्र को खनन क्षेत्र में तब्दील कर दिया गया है. डीसी-एसपी ने पूरे क्षेत्र का जायजा लिया. टीम में डीसी-एसपी के अलावा एसडीपीओ अनिल शंकर, डीएमओ राजा राम प्रसाद, डोमचांच इंस्पेक्टर रामाकांत तिवारी, थाना प्रभारी सुनील कु. सिंह व भारी संख्या में पुलिस फोर्स शामिल थी.
पुलिस चालक से मारपीट गाड़ी छुड़ाने का प्रयास
इधर, सिरसिरवा जंगल से चौथे ट्रक को जब्त कर लाने के क्रम में अवैध कारोबार से जुड़े लोगों ने ट्रक ला रहे पुलिस विभाग के चालक बासुदेव के साथ मारपीट की. इसकी सूचना मिलते ही पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे व लोगों को खदेड़ा. बताया जा रहा है कि ट्रक में तकनीकी खराबी आने के कारण ट्रक रुक गया था. इसी दौरान वहां आकर लोगों ने हंगामा किया और चालक के साथ मारपीट की. साथ ही ट्रक को छुड़ाकर ले भागने का प्रयास किया, पर पुलिस द्वारा पीछा किये जाने पर वे लोग ट्रक को छोड़ फरार हो गये. वहीं पांचवें ट्रक को देर रात जंगल से लाने का प्रयास जारी था. जानकारी के अनुसार प्रशासन क्रेन के माध्यम से ट्रक को लाने की तैयारी कर रहा था.
ब्लू प्रिंट होगा तैयार, वीडियोग्राफी हुई
छापामारी के दौरान सिरसिरवा में बड़े स्तर पर खनन देख अधिकारी भी हैरान रह गये. अधिकारियों के निर्देश पर खनन क्षेत्र की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करायी गयी. साथ में चल रहे सहायक खनन पदाधिकारी राजा राम प्रसाद को डीसी ने कई निर्देश भी दिये. संभावना जतायी जा रही है कि बहुत जल्द इस इलाके में पूरी तरह अवैध खनन को बंद कराने को लेकर ब्लू प्रिंट तैयार होगा. इसके बाद बड़े स्तर की कार्रवाई होगी. इसमें जिला पुलिस-प्रशासन के साथ ही वन विभाग की टीम शामिल रहेगी.
प्रवेश रास्ते पर रखी जाती है नजर
सिरसिरवा जंगल में प्रवेश के रास्ते में ही अवैध खनन में लगे कुछ लोगों द्वारा पेड़ पर बैठ कर निगरानी की जाती है, ताकि कोई दूसरा व्यक्ति या प्रशासनिक अधिकारी अंदर जाये तो इसकी सूचना जंगल में खनन कार्य कर रहे लोगों तक पहुंच जाये. कुछ वर्ष पूर्व यहां छापामारी करने गये वन विभाग के रेंजर पर खनन माफियाओं ने तीर चलवा दिया था, जिसमें रेंजर घायल हो गये थे.

एक दर्जन से अधिक खदान हैं संचालित
वन्य प्राणी आश्रयणी क्षेत्र सिरसिरवा जंगल में आज के दिन में करीब 15 पत्थर खदान अवैध तरीके से संचालित हैं. आश्रयणी क्षेत्र में एक पत्ता भी तोड़ना वन विभाग की नजर में जुर्म है. बावजूद इसके बड़ा क्षेत्रफल खनन क्षेत्र में बदल गया है. यहां रोजाना खनन कार्य में जेसीबी, पोपलेन व अन्य अत्याधुनिक मशीनों का प्रयोग होता है. खनन के बाद शक्तिमान ट्रक से पत्थर मुख्य बाजार में पहुंचता है. इसे रोकने के लिए न तो प्रशासन के पास कोई ठोस योजना है और न ही वन विभाग के पास. सिरसिरवा में अपराधियों व सफेदपोशों की ऐसी गठजोड़ से खनन होता रहा है कि सहसा यहां जाने से अधिकारी व पुलिस भी डरती रही है. हालांकि, शनिवार को पूरी तैयारी के साथ यहां प्रशासनिक टीम पहुंची, तो स्थिति देख हैरानी होना लाजिमी था. अधिकारियों ने यहां आधा दर्जन खदानों का मुआयना किया और इस स्थिति पर हैरानी भी जतायी. यहां रहने की जगह के साथ ही जेनरेटर व अन्य छोटी मशीनें पड़ी मिली.
पांच किलोमीटर पैदल चल कर पहुंचे डीसी-एसपी
सिरसिरवा जंगल जाने का रास्ता भी काफी दुर्गम है. डीसी-एसपी का काफिला दोपहर करीब 12 बजे पहले तो जंगल के रास्ते में गया, पर कुछ किलोमीटर आगे रास्ता खराब देख सभी वाहन से उतर गये. इसके बाद बीच रास्ते में वाहन खड़ा कर पूरी टीम पैदल ही अवैध खनन स्थल के लिए रवाना हुई. करीब पांच किलोमीटर पैदल चल कर अधिकारी व पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे व जायजा लिया. इसी का फायदा माफिया उठाने में सफल रहे और बड़ी मशीनों को हटाने के साथ ही खुद मौके से फरार होने में सफल हो गये. शाम पांच बजे अधिकारी छापामारी कर वापस लौटे.
सिरसिरवा जंगल में अवैध खनन को लेकर लंबे समय से जानकारी मिल रही थी. छापामारी हुई है. बड़ी कार्रवाई के लिए तैयारी की जायेगी. किसी भी हाल में अवैध उत्खनन को बंद कराया जायेगा. हैरानी की बात है कि वन क्षेत्र में इस तरह का खनन हो रहा है और आज तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
संजीव कुमार बेसरा, डीसी
सिरसिरवा में अवैध उत्खनन को लेकर फिलहाल अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज किया जा रहा है. अवैध कार्य में लगे लोगों को चिह्नित कर नामजद किया जायेगा. बड़ी कार्रवाई के लिए जितनी पुलिस फोर्स की जरूरत होगी उपलब्ध करायी जायेगी. जिले में किसी भी हाल में गलत काम नहीं होने दिया जायेगा.
सुरेंद्र कुमार झा, एसपी

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