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अधिग्रहीत जमीन की बंदरबांट का आरोप
उपायुक्त से मुआवजा व नौकरी दिलाने की गुहार पिपरवार : खलारी प्रखंड अंतर्गत राय निवासी मंगरू मुंडा (पिता स्व लिबुआ मुंडा) ने उपायुक्त, रांची को पत्र लिख कर सीसीएल द्वारा 30 वर्ष पूर्व अधिग्रहीत जमीन की बंदरबांट का आरोप लगाया है. मौजा चूरी स्थित खाता नंबर 30 अंतर्गत 10 एकड़ 35 डिसमिल खतियानी पैतृक जमीन […]
उपायुक्त से मुआवजा व नौकरी दिलाने की गुहार
पिपरवार : खलारी प्रखंड अंतर्गत राय निवासी मंगरू मुंडा (पिता स्व लिबुआ मुंडा) ने उपायुक्त, रांची को पत्र लिख कर सीसीएल द्वारा 30 वर्ष पूर्व अधिग्रहीत जमीन की बंदरबांट का आरोप लगाया है. मौजा चूरी स्थित खाता नंबर 30 अंतर्गत 10 एकड़ 35 डिसमिल खतियानी पैतृक जमीन के एवज में सिर्फ दो एकड़ डेढ़ डिसमिल जमीन का मुआवजा दिये जाने का पत्र में उल्लेख करते हुए सीसीएल प्रबंधन से शेष जमीन का मुआवजा व नियमानुसार नौकरी दिलाने की गुहार लगायी गयी है.
उक्त 10.35 एकड़ जमीन के दो हिस्सेदार मंगरू मुंडा व बिरसा मुंडा (जो नि:शक्त है) बताये गये हैं. जबकि दोनों को सिर्फ चार एकड़ तीन डिसमिल जमीन का मुआवजा मिला है. पत्र के अनुसार आदिवासी खतियानी रैयत की उक्त जमीन किसी को बेची नहीं गयी है, लेकिन दस्तावेज में हेराफेरी कर किसी महंगू महतो के नाम पर जमीन को दर्शाया गया है. मंगरू मुंडा का कहना है कि जमीन का मुआवजा 16 लाख 48 हजार सात सौ रुपये बना था, लेकिन दोनों हिस्सेदारों को सिर्फ तीन लाख 22 हजार (कुल छह लाख 44 हजार) रुपये का ही भुगतान किया गया है.
इस संबंध में मंगरू मुंडा ने बताया कि एनके एरिया के विभागीय अधिकारियों से कई बार बात की गयी, लेकिन सिर्फ आश्वासन देकर टरका दिया जा रहा है. सीसीएल अधिकारी केस करने की सलाह देते हैं, लेकिन गरीबी के कारण वे केस-मुकदमा करने की स्थिति में नहीं हैं.
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