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खूंटी : स्कूल में बने पुलिस कैंप को खाली कराने पर अड़े ग्रामीण, पांच घंटे तक घेरे रखा जवानों को

खूंटी : खूंटी में मुरहू के केवड़ा गांव में स्थित पुलिस कैंप को करीब 300 ग्रामीणों ने मंगलवार को करीब पांच घंटे तक घेरे रखा. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थी. सभी लाठी-डंडे और पारंपरिक हथियार से लैस थे. कैंप में सैफ और जिला पुलिस के जवान तैनात हैं. राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में […]

खूंटी : खूंटी में मुरहू के केवड़ा गांव में स्थित पुलिस कैंप को करीब 300 ग्रामीणों ने मंगलवार को करीब पांच घंटे तक घेरे रखा. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थी. सभी लाठी-डंडे और पारंपरिक हथियार से लैस थे. कैंप में सैफ और जिला पुलिस के जवान तैनात हैं. राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में स्थापित इस कैंप को ग्रामीण तत्काल खाली करने की मांग कर रहे थे. ग्रामीणों के घेराव के बीच जवान पांच घंटे तक कैंप के अंदर ही रहे. बाद में कैंप छोड़ने के लिखित आश्वासन दिये जाने के बाद ग्रामीण हटे.
12 बजे पहुंचे थे, पांच बजे लौटे
जानकारी के अनुसार, मंगलवार दिन के करीब 12 बजे सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण अचानक से कैंप के सामने पहुंचे. कैंप का घेराव शुरू कर दिया.
ग्रामीणों का कहना था कि पुलिस के कारण बच्चे स्कूल जाना नहीं चाहते. उन्होंने आरोप लगाया कि कैंप में तैनात जवान महिलाओं के साथ गलत व्यवहार करते हैं. ग्रामीणों ने समझाने पहुंचे सैफ के नायक सूबेदार के साथ धक्का-मुक्की भी की. लिखित आश्वासन देने के बाद ही करीब पांच बजे ग्रामीण वापस लौटे.
किसी तरह रोके गये ग्रामीण : नायक सूबेदार के अनुसार, कैंप का घेराव करने में केवड़ा के दो टोले और तुतडीह के ग्रामीण शामिल थे. ग्रामीणों ने उस कमरे में भी घुसने का प्रयास किया, जहां हथियार रखे गये हैं.
उन्हें अंदर जाने से किसी तरह रोका गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद मुरहू पुलिस की टीम केवड़ा के लिए रवाना हुई. हालांकि ग्रामीणों के वापस लौट जाने की जानकारी मिलने के बाद कैंप पहुंचने से पहले ही पुलिस टीम वापस लौट गयी. बताया जाता है कि कुछ दिन पूर्व मुरहू पुलिस ने केवड़ा के आसपास में अफीम की खेती को नष्ट कर दिया था. ग्रामीणों में इसे लेकर भी रोष था.
मुख्यमंत्री ने की बैठक : पत्थलगड़ी की आड़ में लोगों को भड़कानेवालों पर होगी कानूनी कार्रवाई
रांची. पत्थलगड़ी को लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को उच्चस्तरीय बैठक की. प्रोजेक्ट भवन में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, गृह सचिव एसकेजी रहाटे सहित पुलिस के कई वरीय अधिकारी मौजूद थे. बैठक के बाद गृह सचिव ने बताया कि पत्थलगड़ी के नाम पर स्थानीय लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काया जा रहा है.
बैठक में पाया गया कि पत्थलगड़ी की आड़ में कुछ लोग संविधान की गलत व्याख्या कर रहे हैं. लोगों को सरकार के खिलाफ भड़का रहे हैं. सरकारी योजनाओं के लाभ से उन्हें दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं. सरकार ने ऐसे लोगों को चिह्नित कर लिया है. शीघ्र ही ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
बैठक में स्थानीय युवकों को रोजगार देने पर भी चर्चा हुई. ग्राम प्रधानों व मुखिया से संवाद स्थापित करने का फैसला किया गया. सरकार ने ग्राम प्रधान, मुखिया व स्थानीय लोगों से अनुरोध किया कि वे ऐसे लोगों के बहकावे में न आयें, जो उन्हें विकास से दूर रख कर आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश में लगे हैं. समीक्षा बैठक में प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने और डेवलपमेंट कैंप लगाने का फैसला किया गया है.
संघ के सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल ने कहा
फर्जी एनजीओ की विदेशी फंडिंग और राज्य में धर्मांतरण पर लगाम लगी, तो राष्ट्र विरोधी शक्तियां पत्थलगड़ी का सहारा ले रही हैं
पत्थलगड़ी के पीछे मुख्य कारण अफीम की खेती है, सरकार इस पर कार्रवाई करे
ग्रामीणों के आरोप
पुलिस के कारण बच्चे स्कूल जाना नहीं चाहते
महिलाओं के साथ गलत व्यवहार करते हैं जवान

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