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बच्चों को पोषाहार नहीं, सेविका-सहायिका घर बैठे उठा रहीं मानदेय
साल भर से नहीं मिल रहा बच्चों को पोषाहार, मार्च से आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद प्रमोद मिश्रा आनंदपुर : आनंदपुर प्रखंड के बेड़ा इचिंडा आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को विगत छह महीने से अधिक समय से पोषाहार नहीं मिल रहा है. केंद्र अक्सर बंद रहा है. अब बच्चों ने भी आना भी बंद कर दिया […]
साल भर से नहीं मिल रहा बच्चों को पोषाहार, मार्च से आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद
प्रमोद मिश्रा
आनंदपुर : आनंदपुर प्रखंड के बेड़ा इचिंडा आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को विगत छह महीने से अधिक समय से पोषाहार नहीं मिल रहा है. केंद्र अक्सर बंद रहा है. अब बच्चों ने भी आना भी बंद कर दिया है. पास रहनेवाली सहायिका मुगली जोजो ने बताया कि चाबी सेविका के पास रहती है. सेविका ही कभी-कभी आकर केंद्र खोलती हैं.
महीने के तीसरे गुरुवार को टीकाकरण के दिन केंद्र में बच्चे पहुंचते हैं, जहां उन्हें रेडी टु इट तथा गर्भवती, धात्री महिलाओं को पोषाहार दिया जाता है.
बेड़ा इचिंडा आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका रोमिला आइंद से घर जाकर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उनका चयन 7 जनवरी को हुआ था और वह 27 मार्च से आंगनबाड़ी में योगदान दे रही हैं. रोमिला के मुताबिक बैंक खाते में उनका नाम नहीं होने के कारण राशि के अभाव में पोषाहार बंद है. उन्होंने बताया कि पूर्व सेविका मेरी सुरीन जुलाई 2016 में रिटायर हो गयीं, उसके बाद से ही केंद्र में पोषाहार बंद है. रोमिला से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्र में 27 बच्चे नामांकित हैं.
बच्चों के लिए प्री स्कूल किट, मेडिकल किट, खेल सामग्री, महिला एवं बच्चों की तौल मशीन आदि उपलब्ध है. केंद्र के भवन की स्थिति जर्जर है. उसकी छत से पानी चूता है. शौचालय टूट गया है. केंद्र का चापाकल भी खराब है.
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