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शिक्षा में सुधार का निर्देश निर्देश . खराब रिजल्ट पर सरकार है चिंतित

उच्च माध्यमिक व माध्यमिक विद्यालयों में स्टेंडर ऑपरेटिंग प्रोसीडियोर होगा लागू प्रत्येक विद्यालयों में अभिभावक के साथ होगी बैठक, बच्चे के संदर्भ के बारे में दिये जायेंगे जानकारी जामताड़ा : शिक्षा विभाग ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के छात्रों को गुणवत्ता शिक्षा, शारीरिक, नैतिक तथा परीक्षा फल में सुधार लाने के लिए प्रत्येक सरकारी […]

उच्च माध्यमिक व माध्यमिक विद्यालयों में स्टेंडर ऑपरेटिंग प्रोसीडियोर होगा लागू

प्रत्येक विद्यालयों में अभिभावक के साथ होगी बैठक, बच्चे के संदर्भ के बारे में दिये जायेंगे जानकारी
जामताड़ा : शिक्षा विभाग ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के छात्रों को गुणवत्ता शिक्षा, शारीरिक, नैतिक तथा परीक्षा फल में सुधार लाने के लिए प्रत्येक सरकारी विद्यालयों में स्टेंडर ऑपरेटिंग प्रोसीडियोर लागू करने जा रही है. इससे छात्रों को सतत मूल्यांकन, नैतिक, विद्यालय के शैक्षणिक माहौल, उनके शारीरिक विकास में सुधार लाया जायेगा. शिक्षा सचिव अराधना पटनायक ने निर्देश दिया कि विद्यालय में सरकार की मंशा के अनुरूप परीक्षा का परिणाम नहीं आ रहा है.
स्कूली शिक्षा एवं सारक्षता विभाग किसी भी हाल में परीक्षा परिणाम में सुधार लाने का प्रयास कर रही है. सभी विद्यालयों में स्टेंडर ऑपरेटिंग प्रोसीडियोर लागू करते ही समय सारिणी के अनुसार कक्षा का संचालन निर्धारित समय पर किया जायेगा. विद्यालय में कक्षा प्रारंभ होने से पूर्व छात्र-छात्रा और शिक्षकों के साथ सभा का आयोजन किया जायेगा. सभा में प्रत्येक दिन एक-एक छात्र- छात्राओं द्वारा अंगरेजी एवं हिंदी समाचार पत्रों के मुख्य सामाचारों को पढ़ कर सुनाया जायेगा. इस दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा सुविचार प्रस्तुत किया जायेगा. साथ ही शिक्षक प्रतिदिन पठन-पाठन में जागरुक करने के लिए पांच मिनट का सुविचार प्रस्तुत किया जायेगा.
परीक्षा कॉपी अवलोकन करने के बाद छात्र को दिखाया जायेगा कॉपी
हिंदी और अंगरेजी भाषा में सुधार के लिए प्रत्येक छात्र-छात्रा से प्रत्येक बुधवार को एक एक घंटे का क्रमवार हिन्दी तथा अंगरेजी में निबंध लिखाया जायेगा. परीक्षा की कॉपी अवलोकन करने के बाद छात्र-छात्रा को जांची गई कॉपी दिखाई जायेगी और गलत किये गये प्रश्नों को दिखाया जायेगा. गलत किये गये प्रश्नों को कक्षा में दोबारा पढ़ाया जायेगा. शिक्षा सचिव ने यह भी निर्देश दिया है कि जो बच्चे कमजोर है उसके लिए विशेष कक्षा का आयोजन सप्ताह के प्रत्येक शनिवार और रविवार में किया जायेगा. साथ ही अभिभावकों को प्रत्येक तीन माह में बैठक बुलाई जायेगी, साथ ही बच्चों के संदर्भ में आवश्यक जानकारी दी जायेगी.
परीक्षा में शामिल होने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थित अनिवार्य
मैट्रिक तथा इंटर परीक्षा में वैसे छात्र-छात्रा को सम्मिलित करने का निर्देश दिया है जिसकी कक्षा में उपस्थिति 75 प्रतिशत है. परीक्षा फॉर्म भरने से पूर्व टेस्ट परीक्षा ली जाती है, टेस्ट परीक्षा के आधार पर विषयवार कमजोर पाये जाने पर छात्रों को विद्यालय सत्र में ही एक घंटे का विशेष कोचिंग दिया जायेगा.
छात्र सप्ताह में एक दिन प्रयोगशाला में करेंगे प्रयोग
छात्र-छात्रा को विद्यालय में कक्षा समाप्त होने के पूर्व खेल कूद आयोजन कराने का निर्देश दिया है. सप्ताह के एक दिन छात्र- छात्रों को प्रयोगशाला में प्रयोग कराया जायेगा. छात्र-छात्रा को प्रयोगिक परीक्षा भी ली जायेगी. शिक्षक छात्रों को प्रयोगशाला के महत्व के बारे में बतायेगा और छात्रों को यह कहा जायेगा कि कम से कम 30 मिनट तक पुस्तकालय में रहकर पठन-पाठन करें. छात्र-छात्रा के पठन-पाठन में सतत मूल्यांकन के लिए विद्यालय में परीक्षा का आयोजन किया जायेगा जो
सप्ताहिक परीक्षा, मासिक परीक्षा, अर्द्ध वार्षिक परीक्षा वार्षिक परीक्षा और प्रायोगिक परीक्षा होगी. कक्षा 9 से 12 वीं तक के छात्रोें को अर्द्ध वार्षिक परीक्षा और वार्षिक परीक्षा लेते समय प्रायोगिक परीक्षा देना अनिवार्य होगी. प्रायोगिक परीक्षा के अंक परीक्षा परिणाम में जोड़ा जायेगा.

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