18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

14 साल बाद पटरी पर लौटेगी जिंदगी!

व्रजपात में मृतकों के परिजन को मिलेगा मुआवजा 14 साल! समय लंबा है. जीवन में बदलाव के लिए 14 साल शायद कम नहीं है. बिन आसरा एक दिन की सोच मात्र से कलेजा मुंह को आ जाये, ऐसे में सहज ही कल्पना करें कि घर के मुखिया या अपनों के न रहने से एक-एक दिन […]

व्रजपात में मृतकों के परिजन को मिलेगा मुआवजा
14 साल! समय लंबा है. जीवन में बदलाव के लिए 14 साल शायद कम नहीं है. बिन आसरा एक दिन की सोच मात्र से कलेजा मुंह को आ जाये, ऐसे में सहज ही कल्पना करें कि घर के मुखिया या अपनों के न रहने से एक-एक दिन काटना कितना कठिन होता होगा.
जामताड़ा : क्या कहें उस तंत्र को जो संवेदनहीन हो, मुआवजा परिवार में उस व्यक्ति की भरपाई तो नहीं कर सकता. लेकिन जीवन की गाड़ी को पटरी पर लाने के लिए मददगार अवश्य बन सकता है. विभागीय लेट-लतीफी ऐसी की जिंदगी संवरने की जगह सयाह बन गयी.
शायद ऐसा ही कुछ उन लोगों के आश्रितों के साथ भी हुआ है जिनके परिजन आज से 14 साल पहले वज्रपात के शिकार हो गये. सरकार ने पीड़ितों के परिजनों के भविष्य को सोचकर ही मुआवजा देने की योजना को साकार किया था. लेकिन अधिकारियों के व्यस्त रूटीन या विभागीय देरी के कारण कई लोगों की जिंदगी अंधकारमय हो गयी. बात कर रहे हैं वज्रपात से हुए मौत की. 2002 में जामताड़ा प्रखंड के चालना गांव की लंगरी मुर्मू की मृत्यु व्रजपात होने से हो गयी थी.
लेकिन उसके आश्रितों को समय पर मुआवजा नहीं मिल पाया. वर्तमान उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने कार्रवाई शुरू की. उपायुक्त ने अपर समाहर्ता को निर्देश दिया है कि शीघ्र ही उनके परिजनों को मुआवजा दिया जाये. इस संबंध में अपर समार्हता विधानचंद्र चौधरी ने बताया कि जिले में व्रजपात से मरने वाले की सूची तैयार कर ली गयी है. जिन्हें शीघ्र ही मुआवजा दिया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें