नारायणपुर : सरकार एक ओर उच्च शिक्षा की बढ़ावा को लेकर जहां प्रयत्नशील है. इसके तहत प्रत्येक पांच किलोमीटर दूरी पर एक उच्च विद्यालय की स्थापना कर रही है़ लेकिन पूर्व के विद्यालय पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण पहले स्थापित विद्यालयों में शिक्षा में गिरावट अासानी से देखी जा सकती है़ नारायणपुर प्रखंड का राजकीय 10 प्लस टू विद्यालय नारायणपुर एक समय में यह उच्च शिक्षा के लिये प्रतिष्ठित संस्थान था़ इन दिनों शिक्षकों की कमी के कारण यहां की शिक्षा स्तर में गिरावट सहजता से देखी जा सकती है़ इस विद्यालय में वर्तमान समय मे कुल 850 छात्र अध्ययनरत है़ं
इन्हें पढ़ाने के लिये महज सात शिक्षक ही वर्तमान समय में कार्यरत है़ं
बताते चले कि इस विद्यालय में 2014 से मैट्रिक की परीक्षा आयोजित की जा रही है और इसकी चहारदीवारी गोविंदपुर-साहेबगंज सड़क बनने के कारण काफी नीचे चला गया है़ सड़क ऊपरी ओर बाउंड्रीवाल नीचे हो गया है़ दीवार नहीं होने के कारण विद्यालय परिसर में परीक्षा के समय काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है़
जबकि चहारदीवारी निर्माण की राशि पिछले छह वर्षों से प्रखंड कार्यालय में पड़ा है़ इसे लेकर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा कई बार शिकायत भी की गयी, लेकिन समस्या का समाधान अबतक नहीं हुआ है़ यहां पर पिछले 20 वर्षों से हेडमास्टर का पद भी खाली पड़ा हुआ है़ जिसके कारण विद्यालय का संचालन प्रभार में होता है़ प्रभार में होने के कारण विद्यालय विकास की राशि का हस्तांतरण नहीं हो पा रहा है. इस कारण विद्यालय का रंग-रोगन कार्य भी नहीं हो पाता है़ परिणाम स्वरूप विद्यालय का रंग-रोगन कार्य कई वर्षों से बाधित है़
विषयवार शिक्षकों की है कमी
यह विद्यालय वर्तमान समय में 10 प्लस टू का दर्जा प्राप्त है़ उच्च विद्यालय में पढ़ाने के लिए महज चार शिक्षक ही कार्यरत है़ गणित, विज्ञान एवं अन्य कई विषयों की की शिक्षक नहीं है़ इसके कारण बच्चे जैसे तैसे पढ़ाई पूरा करते है़ं
14 पद है स्वीकृत
इस 10 प्लस टू विद्यालय में उच्च विद्यालय के लिये कुल 14 पद स्वीकृत है़ इन 14 पदों में से 10 शिक्षक एवं एक हेडमास्टर के लिये तथा दो चपरासी और एक क्लर्क के लिए वर्तमान समय में इस विद्यालय चार शिक्षक एवं क्लर्क कार्यरत है़ं जबकि एक भी चपरासी नहीं है़ जबकि जामताड़ा जिला के जेबीसी 10 प्लस टू विद्यालय में कई चपरासी कार्यरत है़ं वहीं 10 प्लस टू के लिए कुल भी क्लर्क, शिक्षक एवं चपरासी के कुल 14 पद स्वीकृत है़ लेकिन वर्तमान समय में तीन शिक्षक ही कार्यरत है़
क्या कहते हैं छात्र
विषयवार शिक्षकों की कमी के कारण हमलोगों को जैसे-तैसे शिक्षा पूरी करनी पड़ रही है़ जिसके कारण हमारी शिक्षा का स्तर कमजोर पड़ रहा है़
अबोध कुमार मंडल, छात्र
विद्यालय में शिक्षकों की कमी को अविलंब पूरा किया जाये. ताकि हम छात्रों को समुचित शिक्षा मिल सके़
अहमद अंसारी, छात्र
विद्यालय में रंग-रोगन समेत विद्यालय की चहारदीवारी का कार्य बाधित है. जिसके कारण विद्यालय भूतिया लगता है़
उमेश कुमार, छात्र
क्या कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक
विद्यालय में विषयवार शिक्षकों की कमी है़ इसके कारण पठन-पाठन कार्य प्रभावित हो रहा है़ चार दिवारी का पैसा प्रखंड कार्यालय में पड़ा हुआ है़ पैसा रिलीज होते ही कार्य आरंभ करवा दिया जायेगा़
जियाउल अंसारी, प्रभारी प्रधानाध्यापक