सामुदायिक भवन. देख-रेख के अभाव में जर्जर हो गये लाखों के भवन
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समारोह तो दूर, जाने से डरते हैं लोग
सामुदायिक भवन. देख-रेख के अभाव में जर्जर हो गये लाखों के भवन जिले के सामुदायिक भवनों की स्थिति बेहद खराब है. जिस उद्देश्य से भवन का निर्माण कराया गया था, उन उद्देश्यों पर ग्रहण लग गया है. अधिकतर भवन जर्जर व खंडहर में तब्दील हो गये हैं. दरवाजे व खिड़कियां गायब हो गयी हैं. अब […]
जिले के सामुदायिक भवनों की स्थिति बेहद खराब है. जिस उद्देश्य से भवन का निर्माण कराया गया था, उन उद्देश्यों पर ग्रहण लग गया है. अधिकतर भवन जर्जर व खंडहर में तब्दील हो गये हैं. दरवाजे व खिड़कियां गायब हो गयी हैं. अब ये असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गये हैं.
जामताड़ा : जिले के कई सामुदायिक भवनों की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है. भवन में न ही किसी प्रकार की आमसभा होती है और ना ही सामाजिक समारोह. मरम्मत के अभाव में लाखों रुपये से बनाये गये भवन उद्देश्यहीन हो गये हैं.
जो आम लोगों के उपयोग के लायक नहीं हैं. ऐसे में भवन बनाने के उद्देश्यों पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. जामताड़ा पुलिस लाइन के समीप बना सामुदायिक भवन खंडहर व जर्जर हो गया है. भवन परिसर में कई तरह के पेड़ पौधे उग गये है. दरवाजा एवं अंदर रखे सामान भी सड़ गया हैं. लोगों को दिन के उजाले में भवन परिसर जाने में डर लगता है. नगर पंचायत जामताड़ा द्वारा वर्ष 2014 में सामुदायिक भवन को मरम्मत का कार्य किया गया था. मरम्मत के बाद भी लगातार बंद रहने से किसी प्रकार का लाभ नहीं मिला.
कई वर्ष पूर्व आइटीआई का कक्षा संचालन किया जा रहा था. पर आइटीआइ का अपना भवन निर्माण हो जाने के बाद से उक्त भवन में धीरे-घीरे खंडहर में बदल गया. वहीं जामताड़ा प्रखंड के शहरडाल पंचायत क्षेत्र के गोराईनाला गांव स्थित सामुदायिक भवन जर्जर होने से उद्देश्य विहीन हो चुका है. 1988 में इस भवन का निर्माण जिला प्रशासन द्वारा किया गया था. रखरखाव के अभाव में भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. भवन का हाल यह है कि छत से पलास्टर झड़ रहा है. दीवार में भी अब केवल ईंट दिख रहा है. शादी विवाह या अन्य सामाजिक कार्य के लिए उपयोग में लाया जायेगा.
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