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कोल्हान िववि की पहली महिला कुलपति बनीं डॉ शुक्ला मोहंती

जमशेदपुर : केयू के कुलपति पद पर डॉ शुक्ला मोहंती को नियुक्त किये जाने से पूरा कोल्हान गौरवान्वित है. डॉ महंती विश्वविद्यालय की चौथी और ऐसी पहली कुलपति हैं, जो कोल्हान से ही हैं. अब तक के तीन कुलपति रांची से थे. डॉ मोहंती ने बताया कि वह सोमवार को दोपहर बाद कुलपति का पदभार […]

जमशेदपुर : केयू के कुलपति पद पर डॉ शुक्ला मोहंती को नियुक्त किये जाने से पूरा कोल्हान गौरवान्वित है. डॉ महंती विश्वविद्यालय की चौथी और ऐसी पहली कुलपति हैं, जो कोल्हान से ही हैं. अब तक के तीन कुलपति रांची से थे. डॉ मोहंती ने बताया कि वह सोमवार को दोपहर बाद कुलपति का पदभार ग्रहण करेंगी.

डॉ महंती के कुलपति नियुक्त होने की सूचना के बाद विश्वविद्यालय परिवार हर्षित है. सभी का मानना है कि जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की ही तरह डॉ शुक्ला महंती के नेतृत्व में कोल्हान विश्वविद्यालय भी नयी ऊंचाइयों पर जायेगा. असिस्टेंट रिसर्च ऑफिसर से कुलपति तक का सफर: डॉ शुक्ला महंती ने अपने कैरियर की शुरुआत लेक्चरर के रूप में की. पटना वीमेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में एमए व पीएचडी की. उसके बाद वर्ष 1980 में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (आइएलओ) जनेवा के अनएंप्लािमेंट एंड प्रोवर्टियन बिहार प्रोजेक्ट में असिस्टेंट रिसर्च ऑफिसर के रूप में कैरियर की शुरुआत की.

उसके बाद अप्रैल 1981 में पटना के गर्दनियाबाग स्थित गवर्नमेंट वीमेंस कॉलेज में लेक्चरर के पद पर योगदान किया. वर्ष 1994 में अविभाजित बिहार के समय कमीशन प्राचार्य बनीं और रांची विश्वविद्यालय में योगदान किया. अगस्त 1994 में प्राचार्या के रूप में महिला कॉलेज चाईबासा की कमान संभाली. सितंबर 2000 में इस कॉलेज से साकची स्थित ग्रेजुएट कॉलेज तचबादला हो गया. वहीं वर्ष 2003 में जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज का भी अतिरिक्त प्रभार उन्हें सौंप दिया गया. वर्ष 2005 में उन्हें पूर्णत: वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या बनाया गया. केयू में कार्यकाल पूरा करनेवाली पहली प्रतिकुलपति:

हालांकि अप्रैल 2013 में डॉ शुक्ला महंती कोल्हान विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति नियुक्त हुईं. वह विश्वविद्यालय की द्वितीय प्रतिकुलपति रहीं. लेकिन विश्वविद्यालय में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करनेवाली पहली प्रोवीसी रहीं.वीमेंस कॉलेज को दिलाया यूनिवर्सिटी का दर्जा:अप्रैल 2016 में प्रतिकुलपति का कार्यकाल पूरा करने के पश्चात उन्होंने 1 मई 2006 को पुन: कॉलेज की कमान संभाली. 6 फरवरी 2017 को कॉलेज को महिला विश्वविद्यालय का दर्जा मिला.

साथ ही केंद्र से 55 करोड़ रुपये की स्वीकृति और घाटशिला के मलियंता में 20 एकड़ भूखंड भी मिला.डॉ शुक्ला महंती वर्तमान में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) की इस्टर्न रीजन काउंसिल (इआरसी) की चेयरमैन भी हैं. पिछले 8 अगस्त को उन्हें इआरसी का चेयरमैन नियुक्त किया गया. इससे पूर्व वर्ष 2011 से वह इआरसी की सदस्य भी रहीं. वह यूजसी की विजिटिंग टीम की भी सदस्य हैं.

कुलपति डॉ आरपीपी सिंह ने दी बधाई
डॉ शुक्ला महंती को कुलपति नियुक्त किये जाने पर मौजूदा कुलपति डॉ आरपीपी सिंह ने बधाई दी. दूरभाष पर बधाई देते हुए उन्होंने आशा जताई कि डॉ महंती के नेतृत्व में विश्वविद्यालय निरंतर विकास की ओर अग्रसर होगा. इसके साथ ही प्रतिकुलपति डॉ रंजीत सिंह समेत अन्य अधिकारियों ने भी डॉ शुक्ला महंती को बधाई व शुभकामना दी.
पहले योगदान, फिर काम : डॉ मोहंती
कुलपति नियुक्त होने के बाद डॉ शुक्ला मोहंती से प्राथमिकता पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी वह कुछ नहीं कहेंगी. विश्वविद्यालय में योगदान करने के बाद काम करना है. काम व विश्वविद्यालय की बेहतरी ही उनका लक्ष्य है. अत: अभी प्राथमिकता के बारे में कुछ नहीं कहेंगी. सबी के सहयोग से विश्वविद्यालय को गति देते हुए नयी ऊंचाई तक ले जाना ही उनका लक्ष्य है.

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