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पंचिंग कर विभाग जा रहे टाटा मोटर्सकर्मी की मौत
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स के एक स्थायी कर्मी की गुरुवार सुबह कंपनी परिसर में ड्यूटी के दौरान मौत हो गयी. टाटा मोटर्स कंपनी में पांच दिन के अंदर यह ऐसी दूसरी घटना है. घटना के बाद परिजनों व कर्मियों ने स्थायी नौकरी की मांग को लेकर अस्पताल में हंगामा किया और शव नहीं उठाया. शव अभी […]
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स के एक स्थायी कर्मी की गुरुवार सुबह कंपनी परिसर में ड्यूटी के दौरान मौत हो गयी. टाटा मोटर्स कंपनी में पांच दिन के अंदर यह ऐसी दूसरी घटना है. घटना के बाद परिजनों व कर्मियों ने स्थायी नौकरी की मांग को लेकर अस्पताल में हंगामा किया और शव नहीं उठाया. शव अभी भी टीएमएच में रखा है. कंपनी के ट्रांसपोर्ट विभाग में कार्यरत धीरेंद्र सिंह सुबह 8:30 बजे पंच कर अपने विभाग में काम करने जा रहे थे. इस दौरान वे अचानक गिर गये. इसके बाद उन्हें सहयोगियों ने इलाज के लिए टाटा मोटर्स हॉस्पिटल (टीएमएच) में भरती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
धीरेंद्र की मौत के बाद उन्हें इंज्यूरी ऑन डेथ (कार्यस्थल में मौत-आईओडी) और आश्रित को कंपनी में स्थायी नौकरी देने की मांग को लेकर परिजनों के साथ अन्य कर्मियों ने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों ने आइसीयू से शव उठाने से इनकार कर दिया. शाम में परिजनों व कंपनी के प्राइवेट सिक्यूरिटी गार्ड के बीच मारपीट हो जाने से हो गयी जिससे अफरा-तफरी की स्थिति हो गयी. बाद में पुलिस लाइन से वज्र वाहन और लाठी बल जवान अस्पताल में तैनात करने पड़े.
मृतक के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग को लेकर दिन भर हंगामे की स्थिति बनी रही. घटना की सूचना मिलने पर सुबह में टेल्को वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष अमलेश कुमार, महासचिव प्रकाश कुमार, मो अमाउद्दीन, कैसर खान, आकाश दुबे सहित कई ऑफिस बियरर अस्पताल पहुंचे.
टाटा मोटर्स में 21 साल से कार्य. टाटा मोटर्स में13 साल तक बाइ सिक्स के तौर पर नौकरी करने के बाद धीरेंद्र सिंह 2009 में कंपनी के स्थायी कर्मचारी हुए थे.
पांच दिन के अंदर दूसरी घटना. पिछले शनिवार को टाटा मोटर्स की सहयोगी इकाई टीएमएल ड्राइव लाइन में अप्पू दत्ता नामक एक कर्मचारी की मौत इसी तरह हो गयी थी, जिसके बाद मुआवजे को लेकर तीन दिन तक शव नहीं उठा था.
एक घंटे पहले फोन कर जेनरल शिफ्ट में ड्यूटी पर बुलाया
परिजनों ने बताया कि बुधवार को धीरेंद्र सिंह बी शिफ्ट में काम कर रात 10:30 बजे घर लौटे थे. गुरुवार की सुबह 7: 25 बजे उनके मोबाइल पर कंपनी के डिपार्ट से फोन आया कि वे जेनरल शिफ्ट में 8:30 बजे ड्यूटी आयें. कंपनी के बुलावे पर धीरेंद्र आनन-फानन में चाय-नाश्ता कर ड्यूटी चले गये. थोड़ी देर बाद ही कंपनी से धीरेंद्र की पत्नी को फोन आया कि उनके पति का ब्लड प्रेशर लो हो गया है, जल्दी टाटा मोटर्स अस्पताल पहुंचें. परिजन जब अस्पताल पहुंचे तो बताया गया कि धीरेंद्र की मौत हो गयी हैं. परिजनों ने धीरेंद्र की मौत के लिए प्रबंधन की गलत नीति को जिम्मेवार ठहराया है.
बच्चों को स्कूल में मिली पिता की मौत की सूचना. धीरेंद्र सिंह के दोनों बच्चों को अपने पिता की मौत की जानकारी स्कूल में मिली. उनका आठ वर्षीय पुत्र प्रभात कक्षा दो और 11 वर्षीया बेटी जागृति कक्षा पांच में टेल्को के वैली व्यू स्कूल में पढ़ती है. गुरुवार को दोनों बच्चे आम दिनों की तरह स्कूल गये थे. इसके बाद परिवार के लोग दोनों को लेने स्कूल पहुंचे और वहां से उन्हें अस्पताल ले गये.
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