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खेल रहे ढाई साल के मासूम पर गिरी जर्जर मंदिर की दीवार, मौत

जमशेदपुर: मानगो बैकुंठनगर रोड नंबर चार में अतिक्रमित जमीन पर बने जर्जर मंदिर की दीवार गिरने से ढाई साल के सूर्या चौधरी की मौत हो गयी. जिस समय दीवार गिरी उस समय सूर्या अपनी छोटी साइकिल चलाते हुए मंदिर के पीछे चला गया था. 30 वर्ष पूर्व स्थापित हनुमान मंदिर के पीछे की दीवार में […]

जमशेदपुर: मानगो बैकुंठनगर रोड नंबर चार में अतिक्रमित जमीन पर बने जर्जर मंदिर की दीवार गिरने से ढाई साल के सूर्या चौधरी की मौत हो गयी. जिस समय दीवार गिरी उस समय सूर्या अपनी छोटी साइकिल चलाते हुए मंदिर के पीछे चला गया था. 30 वर्ष पूर्व स्थापित हनुमान मंदिर के पीछे की दीवार में पहले से दरार थी. सूर्या के पहुंचने पर दीवार गिर गयी. सूर्या की दादी गीता चौधरी भागकर पहुंची, तबतक मंदिर की दीवार के नीचे सूर्या दबा था. शोर मचाने पर लोग जुटे और दीवार के नीचे दबे सूर्या को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल ले गये, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. फिर सूर्या के शव को वापस घर ले जाया गया.
घटना के बाद क्षेत्र में मातम छा गया. चितकार मारकर रोने की आवाज से आस पड़ोस का माहौल गमगीन कर दिया. सूचना पाकर मानगो पुलिस पहुंची और छानबीन की. सूर्या के पिता धीरज चौधरी इंश्यूरेंस का काम करते हैं. सूचना के बाद काफी संख्या में पिता के सहयोगी, भाजपा नेता विकास सिंह, झामुमो नेता योगेंद्र सिंह निराला समेत कई लोग पहुंच गये थे. वहीं परिवार के लोगों ने बताया कि सूर्या चौधरी घर का इकलौता बेटा था. दो दिन पहले सूर्या का मुंडन हुआ और मानगो के निर्मला किड्स गार्डेन प्ले स्कूल में दाखिला कराया था. सूर्या के जन्म के समय उसकी मां को चिकित्सकों ने आगे कोई इश्यू नहीं होने की बात कही थी. मंदिर की बिजली देवी करती है देखभाल. जिस मंदिर की दीवार गिरने से सूर्या की मौत हुई, उसके बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि 30 साल पूर्व बना मंदिर काफी जर्जर हो चुका है. दीवार में दरार पड़ी हुई थी. मंदिर की देखभाल मानगो गुरुद्वारा कॉलोनी में रहने वाली बिजली देवी करती है. वह किसी को मंदिर का निर्माण कार्य करने नहीं देती हैं. मंदिर में ताला बंद कर चाबी अपने पास रखती है. लोगों ने मंदिर की चहारदीवारी हटवाने की मांग की.
मोबाइल में बात कर रही थी, अचानक सूर्या चला गया मंदिर में
सूर्या की दादी गीता चौधरी ने बताया सुबह में उसकी नतिनी गयी. दोपहर में खाना भी नहीं खाया था. शाम में सूर्या के लिए दुकान से चॉकलेट खरीद कर लायी थी. बेटी का फोन आया तो मोबाइल पर बात करते बाहर आ गयी. सूर्या भी पीछे से साइकिल चलाते बाहर निकल गया. अचानक सूर्या मंदिर की ओर चला गया. वह दौड़कर जबतक मंदिर पहुंची तब तक मंदिर की दीवार गिर गयी और वह दीवार के नीचे दबा चुका था. मंदिर की चारों तरफ से बांस से घेराबंदी की वजह से उन्हें दूसरे मार्ग से जाना पड़ा, जिससे और देर हो गयी.
आंखों के सामने पोता को खो दी
गीता चौधरी बात-करते फूट-फूट कर रोते हुए कह रही थी-मैं ने आंखों के सामने पोता को खो दिया. अब किसके सहारे जीऊंगी. घटना के बाद सूर्या की मां प्रीति बार-बार बेहोश हो जा रही थी. पड़ोस की महिलाएं पानी का छींटा देकर उसे होश में ला रही थी.

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