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लचर चिकित्सा सेवा. पटमदा में सीएचसी बंद, एमजीएम में सीटी स्कैन खराब, ब्रेन मलेरिया से भाई की मौत, बहन गंभीर
पटमदा: मिनी मेट्रो कहे जाने वाले जमशेदपुर से महज 23 किलोमीटर दूर रहने वाले 11 साल के राजेश रजक के लिए चिकित्सा सुविधा इतनी दूर की कौड़ी थी, कि इसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. कुछ यही स्थिति उसकी 14 साल की बहन जोबा रजक की है, जो एमजीएम अस्पताल में होने के […]
पटमदा: मिनी मेट्रो कहे जाने वाले जमशेदपुर से महज 23 किलोमीटर दूर रहने वाले 11 साल के राजेश रजक के लिए चिकित्सा सुविधा इतनी दूर की कौड़ी थी, कि इसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. कुछ यही स्थिति उसकी 14 साल की बहन जोबा रजक की है, जो एमजीएम अस्पताल में होने के बावजूद बिना इलाज के मौत से जूझ रही है.
पटमदा के गाेबरघुसी पंचायत के काशीडीह के रहनेवाले ये दोनों बच्चे ब्रेन मलेरिया की चपेट में आ गये थे. शुक्रवार को राजेश को बुखार चढ़ने के बाद पैसे की कमी के कारण रविवार तक उसे गांव के बाहर भी नहीं ले जाया जा सका. तब तक उसकी बहन को भी बुखार चढ़ गया.
घर बैठे रिपोर्ट बनाते रहते हैं एमपीडब्ल्यू : गोबरघुसी के पूर्व मुखिया नीलरतन पाल के अनुसार पटमदा और बोड़ाम में मलेरिया क्षेत्रों का निरीक्षण किये जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 11 एमपीडब्ल्यू (मल्टीपरपस वर्कर) बहाल किये गये हैं. लेकिन सभी जमशेदपुर में ही रहते हैं अौर घर बैठे स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करते रहते हैं. छह माह पूर्व भी गोबरघुसी पंचायत में मलेरिया से चार सबर की मौत हो गयी थी.
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