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वन विभाग की नाक के नीचे से रातों रात गायब हो गया लकड़ी लदा ट्रक

पटमदा: दलमा वन आश्रयणी के सैकड़ों पेड़ों को काट तस्करी किये जा रहे जिन लकड़ियों और लकड़ी से लदे ट्रक को सीओ और बीडीओ ने जब्त किया था, उसे वन विभाग एक रात भी संभाल कर नहीं रख सका. बेलगाम और बेखौफ हो चुके वन माफिया जब्त ट्रक को लकड़ी समेत लेकर रातों-रात चंपत हो […]

पटमदा: दलमा वन आश्रयणी के सैकड़ों पेड़ों को काट तस्करी किये जा रहे जिन लकड़ियों और लकड़ी से लदे ट्रक को सीओ और बीडीओ ने जब्त किया था, उसे वन विभाग एक रात भी संभाल कर नहीं रख सका. बेलगाम और बेखौफ हो चुके वन माफिया जब्त ट्रक को लकड़ी समेत लेकर रातों-रात चंपत हो गये. वन विभाग ने खानापूर्ति के तौर पर वनपाल गेब्रिएल केरकट्टा की ओर से पटमदा थाना में ट्रक संख्या जेएच 05 एएक्स 5800 को पकड़ने की गुहार लगायी है. साथ ही जब्त ट्रक को भगा ले जाने को कानूनी जुर्म बताया है. वनपाल ने आवेदन में ‘चोरी का केस भी बनता है’ का जिक्र किया है.
गौरतलब है कि बुधवार की शाम को गाड़ीग्राम गांव से बीडीअो सचिदानंद महतो, सीअो निवेदिता नियति व थाना ने संयुक्त अभियान में बुधवार की शाम लकड़ी लदे ट्रक सहित दस लाख रुपये मूल्य की अवैध लकड़ी जब्त की गयी थी. जिसकी सूचना टेटोरियल के रेंजर देवाशीष प्रसाद को शाम करीब साढ़े पांच बजे दे दी गयी थी. शाम साढ़े सात बजे तक विभाग के किसी कर्मचारी के नहीं पहुंचने पर पोकलोबेड़ा प्लांटेशन के पशु रक्षक रमानाथ सिंह को सौंप दिया गया था. वनपाल गेब्रिएल केरकेट्टा के दावे के अनुसार रात जब 10.30 बजे वे कार्यवाही के लिए घटनास्थल पर पहुंचे तो ट्रक को गायब पाया. उन्हें रमानाथ सिंह ने बताया कि रात में अकेले डर लगने के कारण वह अपने गांव कुछ लोगों को लाने चले गये थे, जिससे कि रातभर ट्रक की देखभाल हो सके.
रेंजर देवाशीष प्रसाद. सीओ और बीडीओ की ओर से रेंजर को सूचित किये जाने के बावजूद वन विभाग के किसी कर्मचारी को घटनास्थल पर नहीं भेजा गया और ना ही जब्त ट्रक व लकड़ियों की सुरक्षा के इंतजाम का कोई प्रयास किया गया. गुरुवार सुबह रेंजर से पूछे जाने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि कार्रवाई के लिए वनपाल को भेज दिया गया है.
वनपाल गेब्रिएल केरकेट्टा. वनपाल के अनुसार वह घटनास्थल पर रात 10.30 बजे पहुंचे जबकि उनकी ओर से ही की गयी शिकायत में कहा गया है कि पशु रक्षक को जब्त लकड़ियां प्रशासन की कार्रवाई के बाद शाम 6.30 बजे सौंप दी गयी थीं. यानी उन्हें इसके बाद भी चार घंटे घटनास्थल पर जाने में लगे. हालांकि ग्रामीण सूत्रों के अनुसार वह गुरुवार सुबह ही घटनास्थल पर पहुंचे.
पशुरक्षक रमानाथ सिंह. वनपाल की शिकायत के अनुसार पशु रक्षक को रात में डर लगने के कारण वह गांव के अन्य लोगों को ट्रक की सुरक्षा के लिए बुलाने चला गया और जब वह लौटा तो ट्रक वहां नहीं था. क्या इतनी बड़ी कार्रवाई में वन विभाग की निष्क्रियता मिलीभगत की आशंका को जन्म नहीं देती.
विभाग को सौंपे गये लकड़ी व ट्रक गायब, होगी कार्रवाई : सीअो
गाड़ीग्राम स्कूल के पीछे बुधवार की शाम भारी संख्या में जब्त लकड़ियों व ट्रक को वन विभाग को हैंडओवर किया गया था, जो रातों-रात गायब हो गया, यह गंभीर मामला है. घटना की जानकारी रैंजर देवाशीष प्रसाद को दिये जाने के बाद भी वे घटनास्थल पर नहीं पहुंचे अौर उनके आदेश पर ही दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रमानाथ सिंह के जिम्मे ट्रक व लकड़ी सौंप दी गयी थी. उचित कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
निवेदिता नियति, सीओ, पटमदा

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