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शहर की कंपनियों ने इंडस्ट्रियल टाउन की चौहद्दी का प्रस्ताव सौंपा, दो बस्ती को लेने से किया इनकार

जमशेदपुर: जिला मुख्यालय में मंगलवार को उपायुक्त के साथ कंपनी अधिकारियों की तीसरी बैठक में इंडस्ट्रियल टाउन की चौहदी फाइनल हो गयी. प्रशासन के दावे के मुताबिक सिदगोड़ा दस नंबर बस्ती अौर टेल्को स्थित लोयला बीएड कॉलेज के ठीक सामने की बस्ती क्षेत्र को छोड़ कर इंडस्ट्रियल टाउन की चौहद्दी फाइनल करने पर कंपनी के […]

जमशेदपुर: जिला मुख्यालय में मंगलवार को उपायुक्त के साथ कंपनी अधिकारियों की तीसरी बैठक में इंडस्ट्रियल टाउन की चौहदी फाइनल हो गयी. प्रशासन के दावे के मुताबिक सिदगोड़ा दस नंबर बस्ती अौर टेल्को स्थित लोयला बीएड कॉलेज के ठीक सामने की बस्ती क्षेत्र को छोड़ कर इंडस्ट्रियल टाउन की चौहद्दी फाइनल करने पर कंपनी के पदाधिकारियों ने स्वीकृति दे दी है, वहीं उक्त दोनों बस्तियों को शामिल करने से कंपनी प्रतिनिधियों ने इनकार कर दिया है.

मंगलवार को जिला मुख्यालय में डीसी अमित कुमार के साथ बैठक में कंपनियों के अधिकारी ने अपनी स्थिति स्पष्ट की.उक्त दो बस्ती क्षेत्र को छोड़कर इंडस्ट्रियल टाउन की चौहद्दी में शहर के सभी अौद्योगिक क्षेत्र, क्वार्टर्स व आवासीय क्षेत्र को शामिल किया गया. बैठक के उपरांत डीसी अमित कुमार ने पत्रकारों को बताया कि इंडस्ट्रियल टाउन के लिए कंपनियों को चौहद्दी का प्रस्ताव देने को कहा गया था जिसमें कंपनी के प्रतिनिधियों ने दो बस्ती इलाके को लेने से इनकार किया है. सिदगोड़ा दस नंबर बस्ती के बारे में बताया गया कि वर्तमान में वहां कंपनी जुस्को का पानी अौर बिजली उपलब्ध करा रही है. लेकिन अन्य नागरिक सुविधाएं नहीं दी जा सकती हैं. इसी तरह टेल्को बीएड कॉलेज के सामने जमशेदपुर अक्षेस वार्ड नंबर 7 (बिरसानगर की बस्ती) में भी कंपनी ने नागरिक सुविधा मुहैया कराने से इनकार किया.

ये मौजूद थे. डीसी अमित कुमार, एडीसी सुनील कुमार, जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी दीपक सहाय, टाटा स्टील के ऋतुराज सिंह, अजय सहाय, अमित कुमार सिंह, टाटा मोटर्स के कर्नल जे चौधरी, टीआरएफ के एजीएम अरविंद कुमार, तार कंपनी के अवतार सिंह, लाफार्ज कंपनी के अतुल कुमार, टिनप्लेट हरविंदर सिंह,
राजकिशोर सिंह.नगर निगम बनने से तीसरा वोटिंग अधिकार के साथ शहर में बड़े प्रोजेक्ट आयेंगे, फंड मिलेगा. जमशेदपुर में नगर निगम बनने से शहर में न केवल बड़े प्रोजेक्ट आयेंगे, बल्कि केद्र सरकार से इसके कार्यान्वयन के लिए विधिवत फंड भी मिलेगा. नगर नियम में तीसरा वोटिंग का अधिकार होता है, जो अब तक जमशेदपुरवासियों को नहीं था. इतना नहीं तीसरे वोटिंग अधिकार नहीं होने से अमृत योजना जमशेदपुर को नहीं मिल सकी है. इतना ही नहीं केंद्र सरकार की मॉर्डन ट्रांसपोटेशन, ओवर ब्रिज समेत अन्य प्रोजेक्ट नहीं आ पा रही है. कुल मिलाकर जमशेदपुर नगर निगम नहीं बनने से लंबे समय से शहर बड़े प्रोजेक्ट के लिए छंट जा रहा था. यहां रहने वाले लोग खासकर गैर कंपनी इलाके में क्वालिटी वाली मौलिक सुविधा समेत अन्य सुविधा नहीं मिल पा रही थी. वह स्थिति जल्द समाप्त होगी. सूत्रों के मुताबिक जमशेदपुर अौद्योगिक नगर के साथ नगर निगम बनाने के लिए दो माह में सभी सरकारी अौपचारिकता पूरी होगी अौर आगामी मार्च माह में इसे अमली जामा पहनाया जायेगा.

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