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घरेलू हिंसा में भाई-पिता भी दोषी

जमशेदपुर: डोमेस्टिक वायलंस एक्ट-2005 कानून का शक्ल लेने के बाद पति ही नहीं, महिला को प्रताड़ित करने पर उसके भाई, पिता सहित अन्य रिश्तेदार भी सजा के दायरे में आयेंगे. इस कानून का मकसद महिला को किसी भी प्रताड़ना से बचाना है. उक्त बातें बी कामेश्वरी उमा और राजेश कीर्ति ने कही. वे गुरुवार को […]

जमशेदपुर: डोमेस्टिक वायलंस एक्ट-2005 कानून का शक्ल लेने के बाद पति ही नहीं, महिला को प्रताड़ित करने पर उसके भाई, पिता सहित अन्य रिश्तेदार भी सजा के दायरे में आयेंगे. इस कानून का मकसद महिला को किसी भी प्रताड़ना से बचाना है.

उक्त बातें बी कामेश्वरी उमा और राजेश कीर्ति ने कही. वे गुरुवार को एसएनटीआइ हॉल, बिष्टुपुर में दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पहले से मौजूदा 498(ए) प्रताड़ना के कानून से इतर यह कानून लाया गया है, ताकि महिलाओं के अधिकार हर हाल में सुरक्षित रखा जाये.

महिला, बच्चों के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए आये नये कानून की पुलिस को विस्तृत जानकारी देने तथा उन्हें पेशेवर पुलिसिंग के गुर सिखाने के इसका आयोजन किया गया है. समारोह का उदघाटन डीसी हिमानी पांडेय ने किया. उन्होंने उम्मीद जतायी कि अगले एक माह में इसके बेहतर परिणाम दिखेंगे. आरोपियों को सजा दिलाने और निदरेष की रक्षा करने के बुनियादी कर्तव्य के पालन में यह कार्यशाला सहायक सिद्ध होगी.

पुलिस अधिकारियों ने की शिरकत त्नकार्यशाला में जिले के शीर्ष पुलिस अधिकारी एसएसपी रिचर्ड लकड़ा, सिटी एसपी कार्तिक एस, डीएसपी कन्हैया उपाध्याय, वीरेंद्र यादव सहित सभी थानों के अधिकारी उपस्थित थे. पुलिस अधिकारियों ने कार्यशाला में अपनी शंका को दूर किया.

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