कर्मचारियों ने उनके समक्ष समय पर मेटेरियल नहीं मिलने, गलत पार्ट का मेटेरियल फिट करने, सप्लायर के यहां से आने वाले पार्ट्स की गुणवत्ता में कमी की शिकायत करने पर वरीय पदाधिकारियों द्वारा अनसुनी किये जाने की बात कही. बोरवंकर शुक्रवार को कंपनी के विभिन्न विभागों में गये तथा वहां कर्मचारियों को संबोधित किया. सुबह साढ़े नौ बजे ट्रक वन (व्हीकल फैक्ट्री) के कर्मचारियों को कम्यूनिकेशन हॉल में, दोपहर एक बजे कैब एंड काउल के कर्मचारियों को उत्पादन- उत्पादकता पर जोर देते हुए लागत नियंत्रण से संबंधित बात की. उन्होंने कर्मचारियों से वर्किंग आवर में पूरा काम करने की बात कहते हुए कहा कि एसेंंबली लाइनों में मैनपावर की संख्या ज्यादा है. मैनपावर कम करना होगा तो लक्ष्य के मुताबिक उत्पादन पर भी ध्यान देना होगा.
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टाटा मोटर्स : कर्मचारियों को कार्यकारी निदेशक एसबी बोरवंकर ने दी खुली छूट, क्वालिटी में कमी दिखे, तो सीधे बात करें
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक (गुणवत्ता) एसबी बोरवंकर ने कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि मैटेरियल की गुणवत्ता (क्वालिटी) में कहीं भी कोई कमी नजर आये तो लाइन बंद कर हॉट लाइन पर सीधे उनसे बात करें. उक्त बातें उन्होंने ओल्ड कैंटीन में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं. साथ […]
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक (गुणवत्ता) एसबी बोरवंकर ने कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि मैटेरियल की गुणवत्ता (क्वालिटी) में कहीं भी कोई कमी नजर आये तो लाइन बंद कर हॉट लाइन पर सीधे उनसे बात करें. उक्त बातें उन्होंने ओल्ड कैंटीन में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहीं. साथ ही उन्होंने अफसरों को हिदायत दी कि वे कर्मचारियों को डरा, धमका कर काम न करायें. अपने संबोधन में श्री बोरवंकर ने वाहनों की गुणवत्ता में सुधार कैसे हो, इस पर विस्तार से चर्चा की तथा जनवरी 2017 में लेबल थ्री हासिल करने की बात कही. उन्होंने गुणवत्ता को लेकर बाजारों से क्या शिकायत आ रही है. उसे कैसे ठीक किया जाये. उससे संबंधित सवालों पर कर्मचारियों का सुझाव भी लिया.
कर्मचारियों ने उनके समक्ष समय पर मेटेरियल नहीं मिलने, गलत पार्ट का मेटेरियल फिट करने, सप्लायर के यहां से आने वाले पार्ट्स की गुणवत्ता में कमी की शिकायत करने पर वरीय पदाधिकारियों द्वारा अनसुनी किये जाने की बात कही. बोरवंकर शुक्रवार को कंपनी के विभिन्न विभागों में गये तथा वहां कर्मचारियों को संबोधित किया. सुबह साढ़े नौ बजे ट्रक वन (व्हीकल फैक्ट्री) के कर्मचारियों को कम्यूनिकेशन हॉल में, दोपहर एक बजे कैब एंड काउल के कर्मचारियों को उत्पादन- उत्पादकता पर जोर देते हुए लागत नियंत्रण से संबंधित बात की. उन्होंने कर्मचारियों से वर्किंग आवर में पूरा काम करने की बात कहते हुए कहा कि एसेंंबली लाइनों में मैनपावर की संख्या ज्यादा है. मैनपावर कम करना होगा तो लक्ष्य के मुताबिक उत्पादन पर भी ध्यान देना होगा.
कर्मचारी से ज्यादा अफसर : कार्यक्रम के दौरान एक कर्मचारी ने कहा कि कंपनी में पहले लगभग 22 हजार कर्मी थे. वर्तमान में 3700 के लगभग कर्मचारी हैं. जबकि अफसरों की संख्या बढ़ रही है. इससे लागत में कमी कैसे आयेगी. पहले डिवीजन में एक एजीएम, एक डीजीएम और पूरे प्लांट में एक डीजीएम देखते थे. अब हर डिपार्टमेंट में डीएम, हर लाइन में मैनेजर, सुपरवाइजर भरे हुए हैं. अफसरों की संख्या ज्यादा है, लेकिन उनकी जरूरत नहीं है.
महिला कर्मी ने कहा चार दिन से कर रहे शिकायत : कार्यक्रम के दौरान एक महिला कर्मी ने स्क्रैन स्टीकर से संबंधित मामला उठाते हुए कहा कि चार दिन से गड़बड़ी आ रही है. शिकायत की लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. यह सुनते ही एसबी बोरवंकर ने मेटेरियल के डीजीएम बसंल को तलब किया और जवाब देने को कहा. डीजीएम ने कार्यक्रम समाप्त होने पर समस्या का समाधान निकलने की बात कही.
नीम प्रशिक्षुओं से कैसे मिलेगी गुणवत्ता
कार्यक्रम के दौरान नीम प्रशिक्षुओं से कार्य कराने पर गुणवत्ता हासिल करने, लेबल 3 हासिल करने में कठिनाई की बात उठी. कर्मचारियों का कहना था कि नीम के प्रशिक्षुओं को सीधे प्रोडक्शन में लगा दिये जाने से गुणवत्ता कैसे हासिल होगी. इसका जवाब देते हुए एचआर जीएम रवि सिंह ने कहा कि बाजार में उतार – चढ़ाव की वजह से नीम से प्रोडक्शन लेते हैं. बोरवंकर ने कहा कि पहले नीम के प्रशिक्षुओं को अच्छे तरीके से प्रशिक्षण दें. उन्हें प्रोडक्शन से दूर रखें. जरूरत पड़ने पर ही शॉप फ्लोर पर भेजें. गुणवत्ता में सुधार होना चाहिये.
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