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वायरल हुआ झूठा मैसेज, परिजन रहे परेशान

जमशेदपुर: वाट्स एप पर वायरल हुए सेंट मेरीज के छात्र अंकित कुमार के ब्रेन फेल्योर संबंधी झूठे मैसेज से न सिर्फ अंकित का पूरा परिवार पिछले तीन दिनों से परेशान रहा, बल्कि उसके स्कूल के लिए भी परेशानी का सबब बन गया. मैसेज का असर ऐसा हुआ कि देश के कोने-कोने से छात्र की सलामती […]

जमशेदपुर: वाट्स एप पर वायरल हुए सेंट मेरीज के छात्र अंकित कुमार के ब्रेन फेल्योर संबंधी झूठे मैसेज से न सिर्फ अंकित का पूरा परिवार पिछले तीन दिनों से परेशान रहा, बल्कि उसके स्कूल के लिए भी परेशानी का सबब बन गया. मैसेज का असर ऐसा हुआ कि देश के कोने-कोने से छात्र की सलामती की दुआ और संदेश आने लगे. अब धीरे-धीरे इसकी सच्चाई जानने के बाद मैसेज आना कम हुआ है और परिवार व स्कूल प्रबंधन ने राहत की सांस ली है

.क्या था मामला पिछले तीन दिनों से एक वाट्सएप मैसेज वायरल हो गया कि बिष्टुपुर के सेंट मेरीज इंग्लिश हाइस्कूल के 9 वीं का छात्र अंकित कुमार आनंद की स्थिति नाजुक बनी हुई है. वह ब्रेन फेल्योर (मस्तिष्क शून्य) की स्थिति में आ चुका है. उसके ऑपरेशन के लिए करीब 9.8 लाख रुपये की जरूरत है. संदेश में यह भी कहा गया था कि मोबाइल नेटवर्क वाली कंपनियों ने कहा है कि इस संदेश को जितना ज्यादा भेजा जायेगा, उसके एक संदेश के बदले 50 पैसे उक्त बच्चे के लिए इलाज के लिए दान के रूप में वे लोग देंगे. इसमें लोगों से अपील की गयी थी कि इस संदेश को एक व्यक्ति कम से कम पांच लोगों तक जरूर पहुंचायें. उक्त संदेश के आते ही वाट्स एप में भी यह विभिन्न ग्रुप से लेकर निजी वाट्सएप पर ट्रेल किया जाने लगा और लाखों लोगों के मोबाइल पर यह संदेश पहुंच गया.

बच्चे, टीचर, परिवार रहे परेशान. छुट्टियों के बाद बिष्टुपुर स्थित सेंट मेरीज इंग्लिश स्कूल मंगलवार को खुला. चूंकि यह मैसेज पहले से ही वायरल हो चुका था तो स्कूल के सभी बच्चे ने 9 सी के अंकित कुमार आनंद के पास पहुंच गये और उसका हाल चाल जानने लगे. मैसेज से टीचर से लेकर प्रिंसिपल तक परेशान हो गये. लेकिन मंगलवार को यह साफ हो पाया कि संदेश फरजी था और वह बच्चा सामान्य तौर पर स्कूल आ रहा है. इसके बाद स्कूल प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली.
इधर, कदमा इसीसी फ्लैट निवासी अंकित, उसके पिता उपेंद्र कुमार और मां मीरा कुमारी और बहन भी इस संदेश से परेशान थीं तथा सफाई देते हुए उसके दिन गुजरे. अंकित, जिसके नाम पर फैला गलत संदेश अंकित कुमार आनंद सेंट मेरीज इंग्लिश स्कूल के 9 वीं का छात्र है. उसके पिता टाटा स्टील के एलडी 1 में काम करते हैं. माता हाउस वाइफ है. उसकी एक छोटी बहन भी है. इसी के नाम पर गलत मैसेज फैला.
मेरे स्कूल के बच्चे का नाम देखा तो खोजकर बात की मेरे स्कूल के बच्चे का नाम और क्लास आया तो हमने ऑफिस से उक्त बच्चे के नाम और पता के बारे में जानकारी ली. इसके बाद बच्चे के पिता से बात की तो पाया कि बच्चा ठीक है. ऐसे झूठे मैसेज को रोकने की जरूरत है.
प्राचार्य, सेंट मेरीज इंग्लिश स्कूल, बिष्टुपुर
मैं स्कूल में अपने आपको स्वस्थ बताता रहा : छात्र. मैं सुबह स्कूल पहुंचा. तब से लेकर छुट्टी होने तक स्टूडेंट से लेकर टीचर तक मेरे स्वास्थ्य के बारे में पूछते रहे.
अंकित कुमार आनंद , छात्र
मेरी बेटी ने पहले यह संदेश देखा: मीरा. मेरी बेटी ने सबसे पहले अपने ही वाटसएप पर अंकित के बीमार होने का संदेश देखा. ऐसे मैसेज देख कर हम लोग परेशान हो गये. बेटी ने बताया कि स्कूल के ही बच्चों के ग्रुप में यह मैसेज आया था. इसके बाद ग्रुप से लेकर जहां से भी मैसेज आया, उसको जानकारी दी कि यह झूठा मैसेज है.
मीरा कुमारी, छात्र की मां

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