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अस्पताल से मरीज चले जाते हैं छुट्टी पर
एमजीएम अस्पताल एक-एक माह से लीव पर हैं कई मरीज, रिकार्ड में रखा है बीएचटी एक माह बाद दो मरीजों को अस्पताल प्रबंधन ने किया फरार घोषित चंद्रशेखर जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में डॉक्टर व कर्मचारी ही नहीं मरीज भी छुट्टी पर जाते है. यहां कई मरीज तो एक-एक माह से […]
एमजीएम अस्पताल
एक-एक माह से लीव पर हैं कई मरीज, रिकार्ड में रखा है बीएचटी
एक माह बाद दो मरीजों को अस्पताल प्रबंधन ने किया फरार घोषित
चंद्रशेखर
जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में डॉक्टर व कर्मचारी ही नहीं मरीज भी छुट्टी पर जाते है. यहां कई मरीज तो एक-एक माह से छुट्टी पर है. इसका पूरा रिकॉर्ड बीएचटी (बेड हेड टिकट) के साथ प्रबंधन के है.
दिलचस्प बात यह है कि अस्पताल में बाकायदा ऐसे मरीजों का रिकॉर्ड व रजिस्टर अप-टू-डेट रखा जाता है. इसमें मरीज के लीव पर जाने व आने की तिथि व समय दर्ज की जाती है.
इस पर्ची को ऑनलीव पेशेंट डिटेल रिपोर्ट कहा जाता है. अस्पताल से छुट्टी लेकर गये कुछ मरीज तीन व पांच दिन में वापस आकर इलाज शुरू करा देते है तो कई मरीज वापस नहीं भी लौटे है. बीते तीन माह में सात मरीज ‘लीव’ पर चले गये थे जिसमें दो पांच दिनों बाद वापस लौट आये, जबकि दो मरीज एक माह से अब तक नहीं लौटे है.
ऐसे लोगों को एक माह के बाद अस्पताल प्रबंधन ने फरार घोषित कर दिया है.बीएचटी में लिखकर जाते है मरीज : अस्पताल से इलाज के क्रम में ही जाने वाले मरीज बीएचटी (बेड हेड टिकट) पर लिख कर जाते है कि वे दो-तीन दिन के वापस आ जायेंगे. सर्जरी विभाग की नर्सों की माने तो जिस दिन से मरीज लीव पर जाता है उसका बीएचटी रख दिया जाता है.
उसके बाद दवा पर्ची व खाना के लिए उसका नाम नहीं दिया जाता. किसी मरीज को एक सप्ताह तक देखा जाता है, इसके बाद उसका बीएचटी रद्द कर दिया जाता है. इसके बाद आने वाले मरीज को फिर से भरती करने का रिकाॅर्ड बनाया जाता है.
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