इसके बाद उसको केवाइसी से जोड़ा जायेगा. पहले कर्मचारी के बैंक एकाउंट की पूरी जानकारी के साथ पैन नंबर और आधार कार्ड भी देनाहोगा, जिसके बाद ही किसी तरह का पीएफ क्लेम होगा. इसके जरिये यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) दिया जायेगा. इससे एक व्यक्ति अगर एक कंपनी से दूसरे में जाता भी है तो उसको सभी जानकारी नंबर के साथ ही हस्तांतरित हो जायेगी. नये सिरे से किसी तरह का कोई एकाउंट खोलने की जरूरत नहीं है.
यही स्थिति स्थायी और अस्थायी या कांट्रैक्ट के कर्मचारियों के साथ भी है. रेलवे के कांट्रैक्टर्स, नगर निकायों में काम करने वाले ठेकेदार, बिल्डिंग और कांट्रैक्ट का काम करने वाले कर्मचारी समेत तमाम लोगों के लिए यह अनिवार्य किया गया है. श्री मिश्र ने बताया कि सभी नियोक्ता के लिए डिजिटल सिगनेचर होना जरूरी है.