जमशेदपुर: जून-जुलाई में राष्ट्रमंडल खेल ग्लासगो में संपन्न होने जा रहा है. इसमें राष्ट्रमंडल के सभी देशों में वनों की स्थिति तथा वनों पर आधारित रोजगार को दर्शाने के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इसमें राष्ट्रमंडल देशों से प्राप्त फोटोग्राफ में से 109 श्रेष्ठ फोटोग्राफ का चयन किया गया.
इन्हें राष्ट्रमंडल खेल के फोटो गैलरी में ऑन लाइन डाला गया है. इनमें एक फोटो वन संरक्षक संजीव कुमार का भी है. श्री कुमार जमशेदपुर में चाईबासा कार्य नियोजन अंचल के वन संरक्षक हैं. श्री कुमार की उक्त फोटो पूर्वी सिंहभूम के हाता के निकट हल्दीपोखर के ग्रामीण मार्केट में खींची गयी है. इसमें एक ग्रामीण महिला को आजीविका के लिए दातुन तथा र्हे-बहेड़ा इत्यादि बिक्री करते हुए दिखाया गया है. इसके जरिये झारखंड के वनों पर आधारित ग्रामीणों की आजीविका को दर्शाया गया है.
शौक ने दिलायी अंतरराष्ट्रीय पहचान. फोटोग्राफी व चित्रकारी संजीव कुमार का शौक है. उन्होंने बताया कि अपने कार्यक्षेत्र में दौरे के क्रम में जो भी कुछ अनुभव करते हैं, उसे चित्रकारी व तसवीरों के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं. ग्रामीण परिवेश पर उनकी पेंटिंग की कई प्रदर्शनी देश- विदेश की आर्ट गैलरी में लग चुकी है.
कॉमन वेल्थ गेम्स के लिए चयनित हल्दीपोखर हाट में महिला द्वारा दातुन बेचने वाले दृश्य ने उनके मन को छू दिया था. तब उन्होंने यह फोटो ली थी, जिसे उन्होंने कॉमन वेल्थ गेम्स के लिए भेजा था. इस फोटो में वन ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाली महिला दातुन व हरे-बहेरा बेच रही है. इसके माध्यम से यही दर्शाने का प्रयास किया गया है कि लघु वनोत्पाद भी वन क्षेत्र के ग्रामीणों के जीविकोपाजर्न का साधन है.