निर्मल गेस्ट हाउस में काेल्हान स्तरीय संगठन की बैठक के बाद आयाेजित संवाददाता सम्मेलन काे संबाेधित करते हुए झामुमो के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह विधायक चंपई सोरेन ने कहा कि रघुवर सरकार ने ऐसी डोमिसाइल नीति लागू की है, जिससे आदिवासी और मूलवासियाें का अस्तित्व खत्म हो जाएगा. अधिकतर पंचायत प्रतिनिधि आदिवासी और मूलवासी हैं. जब अस्तत्वि ही नहीं रहेगा, तो पीएम का भाषण सुनने का क्या लाभ. इसलिए बड़ी संख्या में झामुमाे समर्थित पंचायत प्रतिनिधियाें ने पीएम माेदी के ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. गुुरुवार काे झामुमाे की काेल्हान स्तरीय बैठक निर्मल गेस्ट हाउस में आयाेजित की गयी.
प्रधानमंत्री का विरोध करने के लिए पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला खरसावां और पूर्वी सिंहभूम के गांव-देहात से लाखाें की संख्या में झामुमो कार्यकर्ता जमशेदपुर प्रवेश करेंगे. श्री साेरेन ने कहा कि झारखंड बना था तो संवैधानिक तौर पर तय हुआ था कि बिहार की सारी नीति आत्मसात की जायेगी. बिहार की डोमिसाइल नीति को लागू करना चाहिए, जिसमें अंतिम सर्वे खतियान को मान्य किया गया है.
डोमिसाइल के हकदार होने का आधार खतियान होना चाहिए. संवाददाता सम्मेलन में विधायक कुणाल षाड़ंगी, बड़कुंवर गागराई, जाेबा रानी, शशिभूषम सामड, दीपक बिरुआ, निरल पूर्ति, जिलाध्यक्ष रामदास साेरेन, लालटू महताे, बाबर खान, महावीर मुर्मू आदि माैजूद थे.