जमशेदपुर: कोलकाता में रियल इस्टेट की विभिन्न परियोजनाओं में 69 करोड़ रुपये के निवेश की जांच लगभग पूरी हो गयी है. कुख्यात अखिलेश के सहयोगी रहे अशोक सिंह उर्फ राघव की इन परियोजनाओं को जांच के दायरे में लिया गया था.
जमशेदपुर में इडी की छापामारी के बाद यह बात सामने आयी थी. इन परियोजनाओं में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निवेश की जांच के दौरान विभाग ने कई दस्तावेजों की सूची दी थी. चार वर्षो में कारोबार छह गुणा तक बढ़ने के बाद कोलकाता में चल रहे ड्रीम प्रोजेक्ट सहित अशोक सिंह उर्फ राघव की आधा दर्जन परियोजना की जांच शुरू हुई थी. राजनेताओं और रसूख वाले लोगों की सांठगांठ से कारोबार में छह गुणा तक बढ़ोतरी होने की बात सामने आने के बाद यह जांच गठित की गयी थी. जांच के दौरान दस्तावेज सौंपे जाने के बाद फिलहाल इन परियोजनाओं को राहत मिली है.
विभाग ने टैक्स व इनकम प्रूफ की जांच करने के बाद यह राहत दी. अशोक द्वारा एक परियोजना की कॉपी विभाग को नहीं सौंपी गयी थी. जिसका खुलासा होने के बाद उससे संबंधित दस्तावेज उसने सौंपे हैं. जांच के दौरान यह पता चला था कि प्रकृति गोरेज(कोलकाता) की इस परियोजना में 30 फीसदी की हिस्सेदारी को लेकर विवाद है, लेकिन बाद में इसे सुलझा कर दस्तावेज सौंपा गया. इस बीच अशोक को कोलकाता बिल्डर्स एसोसिएशन में कोषाध्यक्ष के पद के लिए मनोनीत करने की बात भी सामने आयी थी.
अखिलेश से है सांठगांठ
अशोक उर्फ राघव को पुलिस ने चेपा पुल के पास से पकड़ा था. जिसके बाद अशोक ने अलग से अपना कारोबार शुरू कर लिया था. रियल इस्टेट के कारोबार में उसने काफी निवेश किया है. अशोक आजसू का दो बार सोनारी मंडल अध्यक्ष रह चुका है.