जमशेदपुर: सरस को स्थानीय जिला प्रशासन और एजुकेशन डायरेक्टर ने अब तक अप्रूव नहीं किया है. निजी स्कूलों की ओर से अब तक सरस से लॉटरी करने को लेकर किसी तरह की कोई स्वीकृति नहीं ली गयी है. जबकि दिल्ली हाइ कोर्ट ने केस संख्या 8533/2010 और 263/ 2011 के मामले में 19 फरवरी 2013 को एक संयुक्त फैसला सुनाया. इस फैसले के पेज नंबर 26 के 15 वें प्वाइंट के अनुसार निजी स्कूल को लॉटरी में कौन सी प्रक्रिया अपनायी जाये इसे तय करने की छूट होगी, लेकिन सभी निजी स्कूल को न्यूनतम चार सप्ताह पहले स्थानीय जिला प्रशासन के साथ-साथ एजुकेशन डायरेक्टर को लॉटरी की पूरी प्रक्रिया बताना होगा. लॉटरी के लिए अपनायी जाने वाली प्रक्रिया की पूरी स्वीकृति मिलने के बाद ही लॉटरी को किया जा सकता है.
हालांकि शहर में निजी स्कूल प्रबंधन ने तय कर लिया है कि इस बार पूरी तरह से सरस से ही लॉटरी होगी. लेकिन लॉटरी से संबंधित किसी तरह की कोई स्वीकृति के लिए ना ही स्कूल प्रबंधन की ओर से किसी तरह का कोई पत्र आरटीइ सेल, जिला प्रशासन या फिर एजुकेशन डायरेक्टर को भेजा गया है और ना ही जिला प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई पत्रचार किया गया है. हर साल लॉटरी से पहले सरस सॉफ्टवेयर की जांच होती थी, इसके बाद ही जिला प्रशासन की ओर से निजी स्कूल प्रबंधन को लॉटरी के लिए हरी झंडी दी जाती थी लेकिन इस बार अब तक सरस की न ही जांच हो पायी और ना ही किसी तरह का कोई अप्रूवल सरस को मिल पाया है.
आरटीइ सेल हो गया है खत्म
जिले में आरटीइ के उल्लंघन की सबसे ज्यादा शिकायतें मिली है. निजी स्कूलों में किसी भी तरह से नियमों का उल्लंघन ना हो इसके लिए तत्कालीन डीएसइ सुशील कुमार ने चार सदस्यीय आरटीइ सेल का गठन किया था, लेकिन वर्तमान डीएसइ अभय शंकर ने आरटीइ सेल को भंग कर दिया है. आरटीइ से संबंधित किसी तरह की कोई भी शिकायत को अब गंभीरता पूर्वक नहीं लिया जा रहा है और न ही इसकी मॉनिटरिंग करने के लिए कोई तकनीक बनायी गयी है.
हमने तय कर लिया है कि सरस से ही लॉटरी होगी. इस बार जिला प्रशासन की तरफ से कुछ आदेश नहीं दिया गया है. हर साल तो सरस की जांच होती ही है, इस दो बार को हमें अप्रूवल मिल चुका है. उसमें किसी तरह का कोई छेड़छाड़ नहीं होता है. एपीआर नायर, महासचिव, जमशेदपुर अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन
निजी स्कूल अच्छे से स्कूल चला रहे हैं. अगर किसी तरह की कोई शिकायत मिलेगी तभी तो कोई कार्रवाई करेंगे. फिलहाल किसी तरह की कोई बैठक नहीं हुई है. उच्च पदस्थ अधिकारियों की ओर से कोई आदेश मिलने के बाद ही सरस की जांच की जायेगी.
अभय शंकर, जिला शिक्षा अधीक्षक