टॉपर टॉक : प्रज्ञा साह :::संपादितक्वेश्चन बैंक से बोर्ड परीक्षा में मिलती है मददप्रज्ञा साह मार्क्स : 95.8 प्रतिशत रैंक : स्कूल थर्ड टॉपर संकाय : प्योर साइंस स्कूल : डीएवी, बिष्टुपुर बोर्ड : सीबीएसइ (12वीं)माता-पिता : गुंजन साह, राघवेंद्र साह लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर बोर्ड परीक्षा में मैंने 95 प्रतिशत अंक लाने का लक्ष्य रखा था. मुझे आशा के अनुरूप ही अंक मिले. मैंने लक्ष्य को ध्यान में रखा और उसी के अनुरूप तैयारी की. मैं साथ में इंजीनियरिंग की तैयारी भी कर रही थी. इससे बोर्ड परीक्षा की तैयारी में बहुत मदद मिली. स्कूल में थ्योरी पार्ट पर देती थी ध्यान मैंने तैयारी का बहुत ही अच्छा तरीका अपनाया था. स्कूल में थ्योरी पार्ट को काफी गंभीरता से पढ़ती थी, और हर टॉपिक को क्लास में ही समझने की कोशिश करती थी. सम पार्ट जेइइ तैयारी के दौरान हो जा रहा था. इस तरह मैं संतुलन बनाकर तैयारी कर रही थी. जरूरी है ग्यारहवीं का कॉन्सेप्ट क्लियर होना शुरू में मैंने कुछ क्लास छोड़ दिये थे. इसकी भरपायी मैंने छुट्टी में की. छुट्टी के दौरान छूटे पाठ को याद किया. मैं बताना चाहती हूं कि बोर्ड परीक्षा में केवल बारहवीं की किताब से ही प्रश्न पूछे जाते हैं, लेकिन इसके लिए ग्यारहवीं क्लास के टॉपिक का भी कॉन्सेप्ट क्लियर होना जरूरी है. ग्यारहवीं में ढंग से पढ़ायी होगी तो बारहवीं में दिक्कत नहीं होगी. समय का किया सदुपयोग जहां तक सिलेबस की बात है तो इसे मैंने जनवरी तक पूरा किया था. मार्च में बोर्ड परीक्षा होनी थी. इस तरह विषय को दोहराने के लिए मेरे पास एक महीने का समय था. इसका मैंने सदुपयोग किया. इस दौरान मैं नियमित रूप से रीविजन करती थी. जब स्कूल बंद हो गये तो मैं रोज तीन से चार घंटे सिर्फ बोर्ड परीक्षा की तैयारी करती थी. तैयारी के दौरान मुझे कहीं दिक्कत होती थी तो मैं फोन पर दोस्तों और टीचर से पूछ लेती थी. सीबीएसइ द्वारा निर्धारित पुस्तक से की तैयारी मैंने प्राय: विषय की तैयारी सीबीएसइ की तरफ से निर्धारित किताबों से ही की थी. मुझे मैथ्स और केमिस्ट्री में थोड़ी दिक्कत हो रही थी. इसलिए इसकी तैयारी मैंने हेल्पिंग बुक से भी की थी. मैथ्स में कैलकुलस में दिक्कत आयी थी. बार-बार अभ्यास कर मैंने इसे सॉल्व किया. क्वेश्चन बैंक दिखाता है आईना मैंने क्वेश्चन बैंक भी बनाया था. यह एक तरह से आईना दिखाता है कि आप तैयारी को लेकर कितने पानी में हैं. कितने मार्क्स आएंगे, किस तरह के प्रश्न बोर्ड में पूछे जायेंगे इसका अनुभव हो जाता है. जरूरी होते हैं नोट्स परीक्षा नजदीक आने पर हर चीज किताब से नहीं पढ़ी जा सकती, क्योंकि पढ़ने के लिए बहुत कुछ रहता है. ऐसे समय में नोट्स बहुत काम आते हैं. मैंने खुद का नोट्स बनाया था. इसमें महत्वपूर्ण बिंदुओं को एक जगह, सभी फॉर्मूला को एक जगह, डेरीवेशन यानी फॉर्मूला बनाने के तरीके को एक जगह नोट कर लिया था. इसे रोज एक बार पलट लेती थी. स्पेस साइंस में है रुचि मैं वर्तमान में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी केरल से एवियोनिक (एवीआइओएनआइसी) की पढ़ायी कर रही हूं. यहां जेइइ एडवांस के जरिये दाखिला मिला. यहां पढ़ायी पूरी करने के बाद मैं इसरो जाना चाहती हूं. बात पते की -रेगुलर रहें व हर टॉपिक को समझने की कोशिश करें -जो पाठ छूट जाये, उसके लिए अलग से समय निकालें-दबाव में नहीं आयें, रूटीन बनाकर पढ़ें
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टॉपर टॉक : प्रज्ञा साह :::संपादितक्वेश्चन बैंक से बोर्ड परीक्षा में मिलती है मददप्रज्ञा साह मार्क्स : 95.8 प्रतिशत रैंक : स्कूल थर्ड टॉपर संकाय : प्योर साइंस स्कूल : डीएवी, बिष्टुपुर बोर्ड : सीबीएसइ (12वीं)माता-पिता : गुंजन साह, राघवेंद्र साह लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर बोर्ड परीक्षा में मैंने 95 प्रतिशत अंक लाने का लक्ष्य […]
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