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प्लास्टिक मुक्त सिटी बनेगा हमारा शहर

प्लास्टिक मुक्त सिटी बनेगा हमारा शहरफ्लैग- पर्यावरण व जीव को नुकसान से बचाने के लिए जुस्को ने लिया संकल्प – शहर के स्कूलों और दुकानदारों को पहले चरण में अभियान से जोड़ा गया – जमशेदपुर में हर दिन निकल रहा 12.5 टन प्लास्टिक कचरा- इसमें 600 से 700 किलो नन रिसाइकिल प्लास्टिक- जुस्को ने स्कूलों […]

प्लास्टिक मुक्त सिटी बनेगा हमारा शहरफ्लैग- पर्यावरण व जीव को नुकसान से बचाने के लिए जुस्को ने लिया संकल्प – शहर के स्कूलों और दुकानदारों को पहले चरण में अभियान से जोड़ा गया – जमशेदपुर में हर दिन निकल रहा 12.5 टन प्लास्टिक कचरा- इसमें 600 से 700 किलो नन रिसाइकिल प्लास्टिक- जुस्को ने स्कूलों के माध्यम से बनायी रणनीति- साकची, बिष्टुपुर, सोनारी के 35-35 दुकानदारों ने प्लास्टिक का इस्तेमाल रोका- शहर के दो स्कूलों ने लगाया बैनब्रजेश सिंह, जमशेदपुरजमशेदपुर को प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने की पहल शुरू कर दी गयी है. शहरवासियों के साथ मिलकर जुस्को ने प्लास्टिक से पर्यावरण व जीव को हो रहे नुकसान से बचाने का संकल्प लिया है. इसके लिए शहर के स्कूलों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है. पहले चरण में काॅन्वेंट व कारमेल स्कूल इस अभियान के लिए आगे आये हैं. दोनों स्कूल में करीब आठ हजार बैग बांटे गये हैं, वहीं स्कूल परिसर में किसी तरह के प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार इस अभियान से जल्द ही केरला पब्लिक स्कूल भी जुड़ेगा. जुस्को के अनुसार स्कूलों में इसका प्रचार होने से आने वाली पीढ़ी इसके प्रति जागरूक होगी और इसका दूरगामी असर होगा. वहीं बच्चे अपने घरों में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने के लिए पैरेंट्स को समझाएंगे. दुकानदारों ने कहा-नो प्लास्टिकजुस्को की पहल पर साकची, बिष्टुपुर, सोनारी-कागलनगर समेत अन्य बाजारों की करीब 35-35 दुकानदारों ने लिखित तौर पर सहमति दी है कि वे प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेंगे. वहीं इन क्षेत्रों में प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोका जायेगा. हालांकि जुस्को ने राज्य सरकार से भी शहर में प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह बैन करने की मांग की है. इसके लिए जागरूकता से लेकर हर स्तर तक कदम उठाया जाये. शहर में हर दिन निकलता है 250 टन कचरा जानकारी के अनुसार शहर में हर दिन करीब 250 टन कचरा निकलता है. यह हाल जुस्को क्षेत्र का है. इसके अलावा जमशेदपुर व मानगो अक्षेस और जुगसलाई नपा के आंकड़े अलग हैं. इस कचरे में करीब 5 फीसदी कचरा प्लास्टिक का होता है. इसका वजन कम होने के कारण इसका अंदाजा ठीक से नहीं लगाया जा सकता है. बताया जाता है कि शहर में प्लास्टिक खतरनाक स्थिति पर आ चुका है. करीब 600 से 700 किलो प्लास्टिक का रिसाइकिल नहीं किया जा सकता है, जो चिंता का विषय है. स्वीडन के बोरिस सिटी का विपरीत है हमारा शहरस्वीडन के बोरिस सिटी में 99.6 फीसदी कचरा रिसाइकिल हो जाता है, जबकि 0.33 फीसदी कचरा लैंडफिल में काम आता है. वहीं, जमशेदपुर शहर में इसके विपरीत स्थिति है. जनता के सहयोग से मिलेगी सफलता : जुस्को जुस्को के प्रवक्ता राजेश राजन ने बताया कि नो प्लास्टिक क्षेत्र जनता के सहयोग से हो सकता है. इसके लिए कानून बनाने से बेहतर लोगों को जागरूक किया जाये. आशा है इसमें काफी सफलता मिलेगी. शहर के दो स्कूलों ने प्लास्टिक के इस्तेमाल रोककर जूट बैग का वितरण किया है, जबकि अन्य स्कूलों से बातचीत चल रही है. बाजारों के दुकानदार भी प्लास्टिक को हटाकर सस्ता वाला कपड़े का बैग दे रहे हैं. इसका लाभ भी हो रहा है.

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