अभाव-बोध बनाता है संकीर्ण : निर्विशेषानंद तीर्थ(फोटो सीआइआरडी के नाम से सेव है)-सीआइआरडी में कठोपनिषद पर प्रवचनलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरअभाव-बोध बंधन का कारण है. मनुष्य यदि हमेशा अपने अभावों के बारे में सोचता रहे तो वह दुखी होगा. कभी इस चीज की कमी तो कभी उस चीज की उसे हमेशा परेशान करती रहेगी. यह बातें स्वामी निर्विशेषानंद तीर्थ ने बुधवार को आत्मीय वैभव विकास केंद्र में चल रहे प्रवचन के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि सब कुछ रहने के बाद भी अभाव-बोध हो सकता है. लाखों की संपत्ति रहने के बाद भी मन में अभाव-बोध होता है, जो आपको संकीर्ण बनायेगा और गलत कर्म की ओर प्रेरित करेगा. धन से आज तक कोई संतुष्ट नहीं हुआ है. भोग और ऐश्वर्य की सीमा को समझें व त्याग की भावना रखते हुए उनका उपभोग करें. त्याग के द्वारा ही अमरत्व प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि परिवर्तन ही सृष्टि है. अतः कोई भी निर्मिति शाश्वत नहीं है. कठोपनिषद कहता है कि कितनी भी बड़ी आयु क्यों न हो, यदि कोई भोगों से तृप्त न हो तो वह अपर्याप्त है. आयोजन में डॉ एनके दास, डॉ आलोक सेनगुप्ता, आरएस तिवारी, सुब्रत चक्रवर्ती आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.
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अभाव-बोध बनाता है संकीर्ण : नर्विशिेषानंद तीर्थ
अभाव-बोध बनाता है संकीर्ण : निर्विशेषानंद तीर्थ(फोटो सीआइआरडी के नाम से सेव है)-सीआइआरडी में कठोपनिषद पर प्रवचनलाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुरअभाव-बोध बंधन का कारण है. मनुष्य यदि हमेशा अपने अभावों के बारे में सोचता रहे तो वह दुखी होगा. कभी इस चीज की कमी तो कभी उस चीज की उसे हमेशा परेशान करती रहेगी. यह बातें […]
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