कुछ करने के लिए विजनरी बनना होगा फ्लैग::: एक्सएलआरआइ में अॉन्सेंबल की शुरुआत टीच फॉर इंडिया के श्याम सुब्रह्मणयम ने कहा फोटो तिवारी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर एक्सएलअारआइ में शुक्रवार से बिजनेस फेस्ट अॉन्सेंबल की शुरुआत हुई. इसमें आइआइएम अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ, शिलांग, बेंगलुरु व एमडीआइ गुड़गांव आदि बी स्कूलों के छात्र शामिल हुए. उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि सामाजिक संगठन टीच फॉर इंडिया के सीनियर डायरेक्टर (सिटी अॉपरेशंस) श्याम सुब्रह्मणयम थे. श्री सुब्रह्मणयम ने कहा कि किसी बिजनेस को करने या फिर कोई भी संस्थान या फिर कंपनी के संचालन में वहां के कर्मचारियों की भूमिका अहम होती है. जैसे, अगर एक्सएलआरआइ आज जाना जा रहा है, तो यहां के प्रोफेसरों अौर एलुमिनी की वजह से. इसने अपनी गुणवत्ता हमेशा बरकरार रखा. किसी भी काम को शुरू करने के लिए विजनरी होना होगा. यानी, सामान्य लोगों से दूर की सोचना होगा. जीवन में कई ऐसे दौर आयेंगे जब आप फेल हो जायेंगे, मन टूट जायेगा, नाराशा भी होगी, तब आप रुकना नहीं नहीं. पॉजीटिव एनर्जी के साथ संघर्ष करें. सफलता जरूर मिलेगी. जब भी हिम्मत जवाब देने लगे, तो दशरथ मांझी से सीख लेनी चाहिए. उन्होंने अपने फौलादी इरादे के बल पर पहाड़ को काट कर रास्ता बना लिया. यह बदलाव का दौर है. देश में सब कुछ ठीक चल रहा है, लेकिन युवाअों में धैर्य की सबसे ज्यादा कमी है. संयमित सोच से कई बड़ी उपलब्धि भी हासिल की जा सकती है. उसी इंसान को कुशल प्रबंधक कहा जाता है जो सही टाइम पर सही डीसिजन लेना जानता है. —————फ्यूचर सीइअो को मिलाने का मंच है अॉन्सेंबल : डायरेक्टर एक्सएलआरआइ के डायरेक्टर फादर इ अब्राहिम ने स्वागत भाषण में कहा कि आमतौर पर देश के बी स्कूलों में कई फेस्ट होते हैं, लेकिन अॉन्सेंबल अनूठा है. यह कोई प्रबंधकीय पर्व नहीं, बल्कि देश के फ्यूचर सीइअो को मिलाने का एक प्लेटफॉर्म है. यहां अलग-अलग बी स्कूलों के छात्र न सिर्फ मार्केट स्ट्रेटजी अौर ट्रेंड के बारे में आइडिया शेयरिंग करते हैं, बल्कि वे एक-दूसरे के सामने एक लकीर भी खींचते हैं. इस दौरान डीन एडमिनिस्ट्रेशन प्रो प्रणवेश रे भी मौजूद रहे. —————ग्रेजुएशन के छात्रों को फेलोशिप देती है टीच फॉर इंडिया टीच फॉर इंडिया के सीनियर डायरेक्टर श्याम सुब्रह्मणयम (सिटी अॉपरेशन) ने पत्रकारों को बताया कि टीच फॉर इंडिया पूरे देश में अपने स्तर से शिक्षा का प्रसार-प्रचार करना चाहता है. इसके लिए संस्थान की अोर से एक अनोखी पहल की गयी है. संस्था ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को दो साल का स्कॉलरशिप देती है. इसके लिए आवेदन करना होता है. चयनित उम्मीदवार को दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, चेन्नई व बेंगलुरु में बच्चों को पढ़ाने के लिए भेजा जाता है. इसके एवज में उन्हें प्रति माह 17 हजार रुपये व भत्ते दिये जाते हैं. अब तक करीब 1000 छात्रों को फेलोशिप मिल चुकी है. इसमें करीब 65 फीसदी टीचर बन चुके हैं. वे दो साल पढ़ाने के दौरान पठन-पाठन में इतने मशगूल हो जाते हैं कि उन्हें यही प्रोफेशन सबसे अच्छा लगता है. 2015 में कुल 684 लोगों को फेलोशिप मिली है.
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कुछ करने के लिए विजनरी बनना होगा
कुछ करने के लिए विजनरी बनना होगा फ्लैग::: एक्सएलआरआइ में अॉन्सेंबल की शुरुआत टीच फॉर इंडिया के श्याम सुब्रह्मणयम ने कहा फोटो तिवारी लाइफ रिपोर्टर @ जमशेदपुर एक्सएलअारआइ में शुक्रवार से बिजनेस फेस्ट अॉन्सेंबल की शुरुआत हुई. इसमें आइआइएम अहमदाबाद, कोलकाता, लखनऊ, शिलांग, बेंगलुरु व एमडीआइ गुड़गांव आदि बी स्कूलों के छात्र शामिल हुए. उद्घाटन […]
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