जमशेदपुर: जिले में सुरक्षित प्रसव के स्वास्थ्य विभाग के दावों के चिथड़े मंगलवार को खुद कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम हॉस्पिटल के परिसर में ही उड़े. प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती को ऑपरेशन के लिए मशीन खराब होने का हवाला दे पहले एडमिट नहीं लिया गया और सुबह से शाम बीत जाने के बाद अंतत: उस महिला ने एमजीएम अस्पताल परिसर में बरगद के पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर नवजात को जन्म दिया.
गनीमत रही कि जच्चा-बच्चा सुरक्षित रहे. बच्चे के जन्म के बाद और हंगामा के कारण अस्पताल प्रबंधन को मामले की गंभीरता का एहसास हुआ और महिला को एमजीएम स्थित प्रसव केंद्र ले जाया गया. लेकिन यहां भी स्ट्रेचर खराब होने के कारण महिला को उसके परिजनों को टांग कर ही ले जाना पड़ा.
मर्सी अस्पताल ने भी लौटाया : भालुबासा हरिजन बस्ती निवासी आकाश ने बताया कि उसकी पत्नी ममता को मंगलवार सुबह प्रसव पीड़ा हुई. उसे एमजीएम अस्पताल के गायनिक विभाग में लाया गया. डॉक्टरों ने यह कहकर वापस कर दिया गया कि स्थिति ठीक नहीं है.
ऑपरेशन करना होगा. दूसरे अस्पताल में लेकर जाओ, यहां ऑपरेशन करने वाली मशीन खराब है. इसके बाद वे पत्नी को लेकर मर्सी अस्पताल गये. वहां डॉक्टरों ने 15 हजार रुपये जमा करने को कहा़ उन्होंने कहा कि अभी मेरे पास सिर्फ पांच हजार रुपये हैं. इसपर डॉक्टरों ने दूसरे अस्पताल ले जाने को कहा. आर्थिक तंगी के कारण शाम चार बजे फिर एमजीएम अस्पताल पहुंचा. डॉक्टरों से भरती करने की गुजारिश करते रहे, लेकिन भरती नहीं लिया गया़ इस दौरान महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही़ शाम लगभग छह बजे बरगद पेड़ के नीचे बच्चे का जन्म हुआ.
अस्पताल में कोई मशीन खराब नहीं है़ ऐसा हुआ है, तो गलत है़ मैं अभी बाहर हूं. लौटने पर मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी़
-डॉ आर वाई चौधरी
अधीक्षक एमजीएम अस्पताल
सर्जरी में किसी प्रकार की मशीन की जरूरत नहीं है़ ऐसा क्यों कहा गया है इस संबंध में बुधवार को पूछताछ की जायेगी़ -डॉ के कुजूर
एचओडी, गायनिक िवभाग