जमशेदपुर : माझी परगना महाल के अधिकार सम्मेलन काे संबाेधित करते हुए जुगसलाई तोरफ परगना दशमत हांसदा ने कहा कि आदिवासियों का धर्म सरना है, इसलिए उन्हें हिंदू धर्म की श्रेणी में शामिल करने की काेशिश नहीं की जानी चाहिए. हम पूजा-त्याेहार माझी परगना द्वारा तय किये गये दिशा-निर्देशों के अनुरूप मनायेंगे. जिसके तहत आदिवासी समुदाय 11-12-13 नवंबर काे साेहराय पर्व मनायेगा. रविवार काे करनडीह स्थित जयपाल सिंह स्टेडियम में माझी परगना महाल जमशेदपुर प्रखंड कमेटी द्वारा एक दिवसीय अधिकार सम्मेलन का आयाेजन किया गया. इसमें 94 गांव के लोगों ने शिरकत कर कई प्रस्ताव पारित किया. संविधान में प्रदत्त पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अनुच्छेद 244 (1) के प्रावधानाें, ग्राम सभा के अधिकार एवं शक्तियाें काे सख्ती से लागू करने की वकालत की.
ताेरफ परगना दशमथ हांसदा ने कहा कि आदिवासी सेंदरा पूजा करेंगे, इस दाैरान परंपरागत हथियाराें से लैस हाेकर इसमें हिस्सा लें. माझी परगना व्यवस्था के तहत कानूनी मामलाें का निपटारा किया जायेगा. समाज के मामलाें काे निपटाने के लिए पुलिसिया प्रक्रिया काे दूर रखा जायेगा. सरना समुदाय काे माननेवाले आदिवासी अपनी जमीन किसी भी दूसरे समुदाय काे नहीं बेचेंगे. जाहेरथान आैर श्मशान की भूमि का अतिक्रमण या फिर उससे छेड़छाड़ हाेने पर विराेध किया जायेगा. केजी से लेकर मैट्रिक तक की पढ़ाई आेलचिकि में शुरू की जानी चाहिए. काेल्हान में नशा मुक्ति अभियान चलाया जायेगा. प्रत्येक चार माह में माझी परगना की बैठक हाेगी. जाहेर पूजा में आदिवासी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे. सम्मेलन काे अादिवासी छात्र एकता के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसाई मार्डी, नरेश मुर्मू समेत अन्य की वक्ताआें ने भी संबाेधित किया. इस अवसर पर कमेटी के उपाध्यक्ष परीक्षित मुर्मू, रमेश चंद्र मुर्मू, साेमनाथ साेरेन, सनातन मार्डी, सुमित्रा साेरेन समेत अन्य काफी लाेग उपस्थित थे.
तुरामडीह जाहेरथान काे मिली मंजूरी : जमशेदपुर. माझी परगना महाल के ताेरफ परगना दशमत हांसदा ने बताया कि यूसीआइएल ने तुरामडीह में जाहरेथान निर्माण काे मंजूरी प्रदान कर दी है. पिछले दिनाें उसकाे लेकर विवाद की खबरें आयी थीं. माझी परगना की एकता का सबूत है कि इस मामले में यूसीआइएल प्रबंधन ने तुरंत निर्णय लेकर उन्हें सूचित किया.
धाैनी काे हमारे भगवान पर भराेसा : जसाई : आदिवासी छात्र एकता के राष्ट्रीय अध्यक्ष जसाई मार्डी ने कहा कि टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धाैनी काे हमारे भगवान पर भराेसा है, दुनिया की बुलंदियाें काे छूने के बाद भी वे समय निकाल कर देवड़ी मंदिर आते हैं, लेकिन हमारे समाज के लाेग थाेड़ी प्रतिष्ठा पाने के बाद पूजा स्थान पर जाना ताे दूर गांव आना भी बंद कर देते हैं.
सम्मेलन के विशेष मुद्दे
सरकार की नजर यहां बसनेवाले मानव संसाधन से ज्यादा खनिज संसाधन पर है. जबकि सुप्रीम काेर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आदिवासी एकमात्र भारत के मूल निवासी यानी इंडिजिनस पीपुल हैं. सम्मेलन के माध्यम से आदिवासियों को एकजुट हाेने पर बल दिया गया.
1. भू अर्जन के पूर्व ग्राम सभाआें से परामर्श लिये बिना अनगिनत गांवाें काे विस्थापित करने के उद्देश्य से उद्याेग के लिए भू-अर्जन किया जा रहा है
2. आदिवासियाें की जमीन पर कल कारखाने, खदानाें, जैम परियाेजनाआें तथा सेना के फायरिंग रेंज आदि की स्थापना के कारण आबादी पर दूरगामी असर पड़ा है.
3. अनुसूचित क्षेत्राें में राज्यपाल की लाेक अधिसूचना के बिना एवं ग्राम सभा की अनुमति के बगैर सभी सीआरपीएफ कैंपाें काे बनाया गया है, जिसे हटाया जाये.
4. एमएमआरडी एक्ट 1957, संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882, काेल वियरिंग एरिया एक्विजिशन एंड डेवलाेपमेंट एक्ट 1957 तथा भूमि अधिग्रहण कानून 1894, पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में लागू नहीं है
5. अनुसूचित क्षेत्राें में खनिज संपदा का लीज पट्टा आदिवासियाें की सहकारिता समिति काे ही दिया जाना चाहिए. 6. आदिवासियाें की विशेष पहचान सरना काे धर्म काेड के रुप में अविलंब मान्यता प्रदान की जाये. 7 पेसा कानून 1997, सीएनटी एक्ट 1908, एसपीटी एक्ट 1949 आदि को दृढ़ता पूर्वक लागू किया जाये. 8. परंपरागत स्वाशासन एवं संस्थाएं/ ग्रामीण अदालताें काे तीन साल तक की सजावाले क्रिमनल व सिविल मामले की प्राथमिकी दर्ज करने तथा फैसला करने का अधिकार दिया जाये.