जमशेदपुर: पिछड़ा आयाेग के चेयरमैन सेवानिवृत्त जस्टिस लाेकनाथ प्रसाद के समक्ष बुधवार को सिख समाज के 2200 से अधिक लाेगाें ने आरक्षण के लिए दावा किया. टुइलाडुंगरी स्थित श्री कलगीधर गुरुद्वारा परिसर में आयाेग सिख समुदाय की पिछड़ी जातियां ( कहार, कुम्हार, लाेहार, दरजी- छिंबा, नाई) के लोग पहुंचे थे. सभी ने प्रमाण के तौर पर स्कूल सर्टिफिकेट, वाेटर कार्ड, राशन कार्ड, कंपनी गेट पास, जमीन के कागजात, बैंक बुक आदि दस्तावेज आयोग के चेयरमैन को सौंपा. सीतारामडेरा गुरुद्वारा के प्रधान करम सिंह ने चेयरमैन काे बताया कि उनके दादा 1910 में जमशेदपुर आये थे.
उनकी चाैथी पीढ़ी शहर में है. साकची गुरुद्वारा के पूर्व प्रधान सरदार महेंद्र सिंह ने बताया कि वे लाेग 60 साल से अधिक समय से यहां रह रहे हैं. सैकड़ाें लाेगों ने 30 साल से अधिक से अविभाजित बिहार (झारखंड) में रहने का दावा किया. टुइलाडुंगरी के प्रधान सरदार जसबीर सिंह ने बताया कि आयाेग ने सभी दस्तावेज गंभीरता से देखा आैर उन्हें पुख्ता आधार माना. मजहबी सिख परिवार के सदस्याें ने आयाेग से एससी का दरजा देने की मांग की. उन्हाेंने कहा कि आेबीसी से पहले एससी पर ध्यान दिया जाना चाहिए. आयाेग के चेयरमैन रिट. जस्टिस लाेकनाथ प्रसाद ने कहा कि काफी ठाेस तथ्य बैठक के दाैरान प्राप्त हुए हैं.
आयाेग अपनी रिपाेर्ट दिसंबर तक तैयार कर आरक्षण संबंधी सुविधा की अनुशंसा राज्य सरकार काे भेज देगा. मजहबी सिखाें पर छह माह में रिपाेर्ट तैयार की जायेगी.