जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन की आमसभा (एजीएम) सही थी, इसमें कोई गड़बड़ी नहीं थी. उपश्रमायुक्त (डीएलसी) की जांच में यह निष्कर्ष निकला है. डीएलसी ने अपनी जांच रिपोर्ट श्रमायुक्त को सौंप दी है. इस रिपोर्ट के आधार पर श्रमायुक्त कार्रवाई करेंगे. एजीएम के खिलाफ रविशंकर पांडेय और मुनेश्वर पांडेय ने शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें […]
जमशेदपुर: टाटा वर्कर्स यूनियन की आमसभा (एजीएम) सही थी, इसमें कोई गड़बड़ी नहीं थी. उपश्रमायुक्त (डीएलसी) की जांच में यह निष्कर्ष निकला है. डीएलसी ने अपनी जांच रिपोर्ट श्रमायुक्त को सौंप दी है. इस रिपोर्ट के आधार पर श्रमायुक्त कार्रवाई करेंगे. एजीएम के खिलाफ रविशंकर पांडेय और मुनेश्वर पांडेय ने शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें कहा गया था कि एजीएम में कोरम पूरा नहीं किया गया.
साथ ही कूपन देकर हस्ताक्षर कराने की बात कही थी. इसके अलावा यह भी कहा था कि चुनाव सही तरीके से नहीं हुआ है, जिस कारण अध्यक्ष को एजीएम बुलाने का अधिकार नहीं है. इसको लेकर संविधान संशोधन किये जाने पर भी सवाल उठाया गया था. उपश्रमायुक्त एसएस पाठक के स्तर पर पक्ष और विपक्ष के बयानों को कलमबंद किया गया था. बताया जाता है कि उन्होंने वीडियोग्राफी से लेकर सारा कुछ देखा, जिसके आधार पर उन्होंने रिपोर्ट तैयार की है. हालांकि, रिपोर्ट के बारे में वे कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
बताया जाता है कि डीएलसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टाटा वर्कर्स यूनियन की वर्तमान कमेटी चुनाव में जीतकर आने के बाद एजीएम बुला सकती है और वह अधिकार में सम्मलित है, जिस कारण उसको चुनौती नहीं दी जा सकती है. इसके अलावा एजीएम में जो गड़बड़ी की बात कहीं गयी थी या संख्या का फरजीवाड़ा का किसी तरह का कोई प्रमाण भी नहीं पाया गया है.
जांच रिपोर्ट सौंप दी गयी है
जांच के आदेश के आलोक में सारे पक्षों को सुनने के बाद हमने अपनी रिपोर्ट तैयार कर श्रमायुक्त को भेज दी है. रिपोर्ट के बारे में कोई भी बात नहीं बतायी जा सकती है.
-एसएस पाठक, डीएलसी, जमशेदपुर