फ्लैग-आइएपी की ओर से विटामिन डी पर सेमिनार आयोजित संवाददाता, जमशेदपुरबच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन डी अधिक जरूरी होता है. इसकी कमी से कई तरह के रोग हो सकते हैं. आजकल के बच्चे बाहर धूप में नहीं खेलते हैं. इस कारण बच्चों में विटामिन डी कमी के मामले बढ़ गये हैं. सूर्य की किरणें विटामिन डी की प्रमुख स्रोत है. इस कारण हमें बच्चों को धूप में खेलने के लिए प्रेरित करना होगा. उक्त बातें शनिवार को साकची स्थित एक होटल में आइएपी (इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक) की ओर से विटामिन डी पर आयोजित सेमिनार में डॉक्टर के के चौधरी ने कही. उन्होंने कहा कि विटामिन डी वसा में घुलनशील होता है. यह प्रो हार्मोन की तरह काम करता है. इसकी कमी से हड्डी कमजोर हो जाती है. इसे विटामिन थ्री व टू के रूप में भोज्य पदार्थ में लिया जा सकता है. रक्त की जांच कर इसके लेबल का पता लगाया जा सकता है. सेमिनार में शहर के कई डॉक्टर मौजूद थे. ये होते हैं प्रभावित डॉ के के चौधरी ने बताया कि विटामिन डी की कमी से गर्भवती, नवजात शिशुओं को दुग्धपान कराने वाली महिलाएं, पांव वर्ष से छोटे बच्चे और 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोग अधिक प्रभावित होते हैं.
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विटामिन डी की कमी से हड्डी होती है कमजोर फोटो
फ्लैग-आइएपी की ओर से विटामिन डी पर सेमिनार आयोजित संवाददाता, जमशेदपुरबच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन डी अधिक जरूरी होता है. इसकी कमी से कई तरह के रोग हो सकते हैं. आजकल के बच्चे बाहर धूप में नहीं खेलते हैं. इस कारण बच्चों में विटामिन डी कमी के मामले बढ़ गये हैं. सूर्य की […]
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