आज कपिल अवतार एवं परीक्षित जन्म की कथावरीय संवाददाता, जमशेदपुरजीवन में कष्टों का कारण ईश्वर का विस्मरण है. ईश्वर के शरणागत होते ही सारी चिंता दूर हो जाती है तथा प्रभु लीला का चिंतन आरंभ हो जाता है. भागवत कथा का श्रवण करने वाले स्वयं भगवान के हो जाते हैं. उक्त बातें बिष्टुपुर स्थित श्री सत्यनारायण मंदिर में कथा वाचक सत्यनारायण शास्त्री ने कहीं. सोमवार से आरंभ हुई श्रीमद्भागवत कथा प्रथम दिन के प्रवचन में उन्होंने भागवत कथा के महात्म्य पर कहा कि औरों के माध्यम से स्वयं के लिए धन का अर्जन संभव है, किन्तु भजन रूपी धन स्वयं भजने से ही संग्रहित होगा. उन्होंने कहा कि कथा-भजन से कोई थकता नहीं, बल्कि अन्य कारणों से जीवन में आयी थकान को मिटाया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रसन्न रहना, मुस्कुराना भगवान की आराधना का प्रथम चरण है. प्रभु को जानने की भावना सत्संग में शामिल होने से ही संभव है.निकली शोभा यात्राभागवत कथा के प्रथम दिन गणेश पूजन के पश्चात पूर्वाह्न 11:00 बजे से शोभा यात्रा निकाली गयी जिसमें महिला श्रद्धालु कलश लेकर शामिल हुईं, इसमें कथा वाचक सत्यनारायण पारीक भी शामिल हुए. यात्रा के पश्चात ब्यास पीठ स्थापित कर कलश स्थापित किये गये. मंगलवार को कपिल अवतार एवं राजा परीक्षित के जन्म की कथा सुनायी जायेगी. ये थे उपस्थित : गोपाल हरलालका, अमित हरलालका, विनोद भाई, ओमप्रकाश शर्मा, मनोज शर्मा, रतन लाल सर्राफ, रूपचरण सर्राफ, कन्हैया लाल अग्रवाल, प्रताप अग्रवाल, संजय शर्मा आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु.
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ईश्वर का विस्मरण ही कष्टों का कारण : शास्त्री (हैरी-35)
आज कपिल अवतार एवं परीक्षित जन्म की कथावरीय संवाददाता, जमशेदपुरजीवन में कष्टों का कारण ईश्वर का विस्मरण है. ईश्वर के शरणागत होते ही सारी चिंता दूर हो जाती है तथा प्रभु लीला का चिंतन आरंभ हो जाता है. भागवत कथा का श्रवण करने वाले स्वयं भगवान के हो जाते हैं. उक्त बातें बिष्टुपुर स्थित श्री […]
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