दूसरी ओर झारखंड विद्युत डिप्लोमा अभियंता संघ ने सीएमडी की कार्रवाई को मनमाना बताया है. संघ के महासचिव पीके जायसवाल ने कहा कि बोर्ड की गलती के कारण मेसर्स बिप्स कंपनी को भुगतान नहीं किया था. इस कारण गत एक अप्रैल से 18 मई तक बिल एजेंसी में कर्मचारियों की हड़ताल थी.
इस कारण बिल नहीं बंटा. ऐसे में राजस्व वसूली पर असर पड़ना स्वभाविक है. इस पूरे मामले से बोर्ड के आला अधिकारी अवगत हैं. अपने आप को बचाने के लिए आधा दर्जन विद्युत कार्यपालक अभियंता को सस्पेंड किया गया है. इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पूरे मामले में मुख्यमंत्री सह ऊर्जा मंत्री से मिलकर संघ अपना पक्ष रखेगा और न्याय के लिए अनुरोध करेगा.