बैठक में जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक बोनीफास तिग्गा और उद्योग विस्तार पदाधिकारी दिलीप कुमार सिन्हा मौजूद थे. इस दौरान ड्राफ्ट ऑफ झारखंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी-2015, झारखंड फीड प्रोसेसिंग पॉलिसी 2015 एवं ड्राफ्ट ऑफ झारखंड इंडस्ट्रियल पार्क प्रोसिजर-2015 के संबंध में विचार-विमर्श किया गया. गौरतलब हो कि उक्त तीनों पॉलिसियों को अंतिम रूप देने के लिए रांची स्थित बीएनआर चाणक्य होटल में 23 जून की सुबह दस बजे से उद्योग सचिव के नेतृत्व में बैठक होगी. उद्योग नीति 2012 की विसंगतियों से सबक लिया गया है.
बताया गया है कि उद्योग नीति 2012 उद्योगों और उद्यमियों के लिए हितकारी नहीं था. इस कारण नीति बदलने की स्थिति उत्पन्न हुई. खास तौर पर वाहन बाजार में मंदी आने से वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स पर आधारित जमशेदपुर औद्योगिक नगरी के अनुषंगी इकाई बंदी के कगार पर आ जाती है. ऐसी स्थिति में सदाबहार फूड प्रोसेसिंग इकाई एक आशा की किरण है. फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी को इंडस्ट्रियल फ्रेंडली बनाया जाये. उसमें सब्सिडी की सुलभता, कच्चे माल की सुगमता, संरक्षण (प्रीजर्व) करने का तरीका, बाजार की उपलब्धता, ऋण की सुविधा, फूड टेक्नोलॉजी आदि अनेक विषयों पर चर्चा हुई. इसे लिखित रूप से रांची में होने वाली मीटिंग में रखने का फैसला लिया गया.