फ्लैग : पर्यावरण दिवस पर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में आयोजित हुआ कार्यक्रम एक प्लानेट पर निर्भर हैं 700 करोड़ की आबादीसंवाददाता, जमशेदपुर भारत ही नहीं पूरी दुनिया में पर्यावरण प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरी है. पूरा मानव समुदाय इसके प्रति चिंतित है, लेकिन सिर्फ चिंता से नहीं बल्कि इसके लिए पहल करने से धरती बच सकेगी. धरती एक है, प्राकृतिक संसाधन भी सीमित हैं. धरती पर वर्ष 1800 में आबादी सौ करोड़ थी, प्राकृतिक संसाधन ज्यादा थे. लेकिन दो सालों में आबादी सात सौ करोड़ तक पहुंच गयी है. जितनी तेजी से आबादी बढ़ी है उतनी ही तेजी से प्राकृतिक संसाधनों का क्षय हुआ है. इसका उदाहरण मौसम असंतुलन के रूप में सामने आ रहा है.ये बातें पर्यावरण दिवस के मौके पर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से उभर कर सामने आयीं. कार्यक्रम की शुरुआत फॉरेस्ट कर्न्जवेटर सत्यजीत सिंह ने कैंपस में पौधा लगाकर की. इसके बाद संस्थान के चेयरमैन नीरज कांत ने स्वागत भाषण दिया और संस्थान की ओर से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपनाये जाने वाले कदम की जानकारी दी. कार्यक्रम में की नोट स्पीकर के रूप में एनआइटी के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ पी बासक उपस्थित थे. पूर्व सचिव डॉ एके वैश्य ने धन्यवाद ज्ञापित किया.
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चिंता नहीं, पहल करने से बचेगी धरती फोटो है (मनमोहन-21,22)
फ्लैग : पर्यावरण दिवस पर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में आयोजित हुआ कार्यक्रम एक प्लानेट पर निर्भर हैं 700 करोड़ की आबादीसंवाददाता, जमशेदपुर भारत ही नहीं पूरी दुनिया में पर्यावरण प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरी है. पूरा मानव समुदाय इसके प्रति चिंतित है, लेकिन सिर्फ चिंता से नहीं बल्कि इसके लिए पहल करने से […]
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