इसका कारण यह नहीं है कि जिले में योग्य शिक्षकों की कमी है, बल्कि शिक्षा विभाग की ओर से जिले से पुरस्कार के लिए किसी शिक्षक का चयन ही नहीं किया जाता रहा है. गौरतलब है कि इस पुरस्कार के लिए शिक्षा विभाग ही शिक्षकों का नाम चयन करता है. हालांकि चयन के पीछे कारण अंकित करना पड़ता है. चयनित नाम को एचआरडी में भेजा जाता है, इसके बाद अंतिम रूप से मुहर लगने पर शिक्षकों को जिला स्तर पर सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान 10,000-10,000 रुपये नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है.
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आठ साल से पुरस्कृत नहीं हुए एक भी शिक्षक
जमशेदपुर: जिले में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आठ वर्षो में जिले के किसी शिक्षक को शिक्षा विभाग ने पुरस्कार योग्य नहीं समझा है. बताया जाता है कि 2007 के बाद से अब तक किसी शिक्षक को जिला स्तरीय शिक्षक पुरस्कार नहीं मिला है. इसका कारण यह […]
जमशेदपुर: जिले में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आठ वर्षो में जिले के किसी शिक्षक को शिक्षा विभाग ने पुरस्कार योग्य नहीं समझा है. बताया जाता है कि 2007 के बाद से अब तक किसी शिक्षक को जिला स्तरीय शिक्षक पुरस्कार नहीं मिला है.
सभी बीइइओ को बनानी होगी इ-मेल आइडी
मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से जिला शिक्षा विभाग को एक पत्र जारी किया गया है. पत्र में आदेश दिया गया है कि राज्य के सभी बीइइओ की नये सिरे से इ-मेल आइडी बनायी जाये और विभाग के पास भेजी जाये, ताकि विभागीय आदेश को बीइइओ के जरिये एक-एक स्कूल तक पहुंचाया जा सके. पत्र में कहा गया कि जिन बीइइओ की पहले से इ-मेल आइडी बनी है वह अधिकांश गलत है, और न ही इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी वजह से नये सिरे से आइडी बनाने को कहा गया है.
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