जमशेदपुर: एक्सएलआरआइ में चल रहे अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन वित्तीय संस्थानों से जुड़े मामलों पर चर्चा हुई. इस दौरान माइक्रो बैंक से लेकर माइक्रो फाइनांस और माइक्रो इंश्योरेंश के भविष्य की रूप-रेखा तय की गयी. यह बात उभर कर आयी कि सभी सेक्टर में संस्थान का भविष्य वहां के कर्मचारियों पर पर निर्भर करता है.
वास्तव में कर्मचारियों की क्षमता के 100 फीसदी का इस्तेमाल नहीं हो पाता है. इस दौरान उनकी क्षमता को जागृत करने पर फोकस किया गया. इन्क्लूसिव फाइनांस के क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों व संस्थानों के बीच आयोजित की गई राष्ट्रीय प्रतियोगिता इनोवेशन फोर इंपैक्ट का परिणाम शनिवार को एक्सएलआरआइ में जारी किया गया. कार्यशाला के दूसरे दिन इस प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया. संबंधित संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने कार्यक्रमों के बारे में भी कार्यशाला में अपनी बात के अलावा अनुभवों को भी साझा किया.
इन्हें मिला पुरस्कार
गरीबों के जीवन में बदलाव के प्रयास के लिए एसबीआइ लाइफ, जनलक्ष्मी फाइनांसियल सर्विसेज, माइक्रोग्राम, केयर इंडिया, इक्विटास व इको इंडिया फाइनांसियल सर्विसेज को एक्सएलआरआई में पुरस्कृत किया गया. इस मौके पर निदेशक फादर ई. अब्राहम ने कहा कि वित्तीय कार्य विकास प्रक्रिया के लिए कुंजी का कार्य करते हैं.राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की उत्पादन क्षमता को विकसित करने की जरूरत है.