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निकायों के पास नक्शे ही नहीं, कैसे रोकेंगे अतिक्रमण
जमशेदपुर: शहर में बढ़ते अतिक्र मण की जद में पानी निकासी के रास्ते भी सुरिक्षत नहीं है. अफसरों की चुप्पी के बीच सक्रिय भू-माफिया व अन्य लोग सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाने के बाद अब नालों पर भी कब्जा कर रहे हैं. शहर में कई जगह नाले की जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है. […]
जमशेदपुर: शहर में बढ़ते अतिक्र मण की जद में पानी निकासी के रास्ते भी सुरिक्षत नहीं है. अफसरों की चुप्पी के बीच सक्रिय भू-माफिया व अन्य लोग सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाने के बाद अब नालों पर भी कब्जा कर रहे हैं. शहर में कई जगह नाले की जमीन पर अवैध कब्जा हो गया है. एक अनुमान के अनुसार नालों की 40 फीसदी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा चुका है. वहीं, शहरी क्षेत्र के तीनों निकायों के पास नालों का नक्शा तक नहीं है, ऐसी स्थिति में अतिक्रमण को कैसे रोका जायेगा, यह अपने आप में बड़ा सवाल बन गया है.
ऐसे तो शहर में आ जायेगी बाढ़. बड़े नालों पर बढ़ते अतिक्र मण के साथ पानी निकासी के रास्तों पर कब्जा एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है. शहर में कई नालों की चौड़ाई घटकर आधी से कम रह गयी है, जबकि उनकी गहराई घटकर एक चौथाई. वहीं, दिन प्रतिदिन बढ़ती आबादी का बोझ भी नालों पर बढ़ता जा रहा है. कई नालों पर अतिक्रमण हो चुका है तो कइयों पर लोगों की नजर है. अधिकांश नालों में अब बारिश के दौरान पानी का निकास ठीक से नहीं होता. थोड़ी सी बारिश होते ही शहर के कई इलाकों में जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. अगर हाल यही रहा तो यह समस्या विकराल रूप ले सकती है. और बारिश के दौरान शहर में बाढ़ आ सकती है. शिकायतों पर कोई गंभीर नहीं. नालों पर अतिक्रमण को लेकर प्रशासन कितना निष्क्रिय है, इसका पता इस बात से चलता है कि नालों पर अतिक्रमण को चिह्न्ति करने अथवा हटाने को लेकर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गयी. ऐसे में, जबकि अक्षेस के पास कोई रिकार्ड ही नहीं है तो कार्रवाई कैसे होगी, यह समझने वाली बात है.
नालों की न लंबाई का पता, न गहराई का
जेएनएसी के पास शहर के बीच से गुजरने वाले किसी नाले का नक्शा नहीं है. जेएनएसी क्षेत्र में कितने नाले बह रहे हैं और इन नालों का बहाव किस ओर है. ये नाले कहां जाकर नदी अथवा तालाब में मिलते हैं. इनकी गहराई और चौड़ाई क्या है. यह कुछ भी जेएनएसी को नहीं मालूम. वहीं, मानगो अक्षेस और जुगसलाई नगरपालिका की बात करें तो इनके पास नालों की संख्या, नाले किन-किन क्षेत्रों से होकर गुजर रहे हैं, इसकी जानकारी है, लेकिन नाले कितने चौड़े और कितने गहरे हैं. इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है. अतिक्रमण की स्थिति में निकायों के सामने यह सीमांकित करना मुश्किल जो जायेगा कि किस जगह कितना अतिक्रमण किया गया है.
नक्शे के लिए अंचल कार्यालय पर आश्रित निकाय
नालों की जमीन और उनपर अतिक्रमण की जानकारी के लिए शहरी क्षेत्र के तीनों निकाय पूरी तरह जमशेदपुर अंचल कार्यालय पर आश्रित हैं. अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि अंचल कार्यालय के पास भी नालों के बहाव की दिशा व उसके बारे में कितनी जानकारी है? अलबत्ता नालों पर किया जाने वाला अतिक्रमण शहर में परेशानी खड़ी कर सकती है.
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